Peoples Reporter
25 Oct 2025
Priyanshi Soni
25 Oct 2025
Shivani Gupta
24 Oct 2025
Mithilesh Yadav
24 Oct 2025
भोपाल। पूर्व प्रदेश मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने जहरीली कफ सिरप मामले में भाजपा सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि कफ सिरप में डाय-एथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मात्रा 48.6 प्रतिशत पाई गई, जबकि स्वीकृत सीमा केवल 0.1 प्रतिशत है, यानी यह 486 गुना अधिक विषैला है। उन्होंने इसे मानव जीवन के साथ खुला खिलवाड़ करार देते हुए कहा, यह हादसा नहीं, हत्या है। यह टिप्पणी उन्होंने शनिवार को भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह हादसा सिर्फ एक दवा की गड़बड़ी नहीं है, बल्कि नकली दवाओं के संगठित कारोबार और सरकारी मिलीभगत का परिणाम है। उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की CBI से जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों, निर्माताओं व नियामकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 102 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।
साथ ही, उन्होंने पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ छिंदवाड़ा के 26 बच्चों की नहीं, बल्कि पूरे देश के भविष्य की लड़ाई है। अगर सरकार अब भी गंभीर नहीं हुई, तो जनता का दवा व्यवस्था पर विश्वास पूरी तरह टूट जाएगा।
दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाए। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा भाजपा सरकार ने फार्मा कंपनियों से 945 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर जन विश्वास अधिनियम, 2023 में बदलाव किया, जिससे नकली दवाएं बनाने और बेचने वालों के लिए जेल की सजा हटा दी गई और सिर्फ जुर्माने का प्रावधान रह गया। उन्होंने कहा कि कंपनियों ने चंदा दो, धंधा लो का खेल खेला और सरकार ने कानून बदलकर अपराधियों को छुट दे दी। दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि जब गाम्बिया (2022) और उज्बेकिस्तान (2023) में भारतीय दवाओं के कारण बच्चों की मौत हो चुकी थी, तब भी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने क्यों कोई कदम नहीं उठाया।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य स्वास्थ्य समिति, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और सह-अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री हैं, ने जन-स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह असफलता दिखाई। उन्होंने सवाल उठाया कि जब समिति के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री हैं, तो 26 बच्चों की मौत की जिम्मेदारी किसकी होगी। सिंह ने कहा कि जहरीली दवा प्राइवेट डॉक्टरों के पर्चों पर खुले बाजार में बिक रही थी, लेकिन सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।