Garima Vishwakarma
9 Dec 2025
एंटरटेनमेंट डेस्क। फिल्म धुरंधर में दिखाया गया रहमान डकैत अगर आपको सिर्फ एक काल्पनिक विलेन लगा है, तो यह समझ लीजिए। वह सिर्फ स्क्रीन का किरदार नहीं, बल्कि पाकिस्तान के इतिहास का सबसे खौफनाक नाम था। उसकी कहानी किसी स्क्रिप्ट से नहीं, बल्कि खून, डर और गोलियों से लिखी गई थी।
बताा दें कि, कराची का इलाका ल्यारी टाउन कभी पाकिस्तान के नक्शे पर सबसे डरावना हिस्सा माना जाता था। सुबह अजान से नहीं, AK-47 की आवाज से होती थी। बच्चे किताबों से नहीं, गैंग के डर से बड़े होते थे। पुलिस नहीं, अपराधी शासन चलाते थे। फिल्म में दिखाई गई गैंगवार कोई अतिशयोक्ति नहीं थी। यह असली जिंदगी का प्रतिबिंब था।
रहमान डकैत की क्रूरता की शुरुआत घर से हुई। सिर्फ 15 साल की उम्र में उसने अपनी ही मां की हत्या कर दी। उसी दिन से वह सामान्य अपराधी नहीं रहा, बल्कि एक बेकाबू, बेरहम और खौफनाक राक्षस बन गया, जिसने कराची और अंडरवर्ल्ड की दुनिया हिला दी।
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रहमान डकैत का सबसे बड़ा साथी था असलम चौधरी, लेकिन सत्ता, पैसा और गैंगस्टर राजनीति ने उनकी दोस्ती को भयंकर दुश्मनी में बदल दिया। यह झगड़ा केवल व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि पूरे ल्यारी टाउन को युद्ध की आग में झोंक देने वाला संघर्ष बन गया। गोलियों, बमों और खूनखराबे ने कराची की सड़कों को वर्षों तक दहशत और आतंक का मैदान बना दिया।
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इस खौफनाक अंडरवर्ल्ड में प्रवेश हुआ भारतीय RAW एजेंट हमजा का। उसने अपनी जान पर खेलकर रहमान डकैत के नेटवर्क, भारत में आतंक की फंडिंग और ऑपरेशन की पूरी सच्चाई उजागर की। ऑपरेशन ल्यारी असली युद्ध था यह कोई फिल्म का सीन नहीं। वहां न कैमरे थे, न कट या एक्शन की आवाज। सिर्फ RPG, गोलियां और मौत बोल रही थी। फिल्म धुरंधर केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि पाकिस्तान के छुपे अंधेरे सच की खिड़की है।
रहमान डकैत सिर्फ किरदार नहीं, जिंदा दहशत था।