Aditi Rawat
12 Oct 2025
छतरपुर। बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिवाली से पहले पटाखों को लेकर दी जा रही नसीहतों पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “हम न बकरीद पर ज्ञान देते हैं, न ताजिए पर, इसलिए हमें भी दिवाली पर ज्ञान न पेलें। यह हमारी परंपरा है, और हम इसे निभाएंगे।”
धीरेंद्र शास्त्री शनिवार को मुंबई स्थित सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया।
पत्रकारों ने जब उनसे दिवाली पर पटाखों से प्रदूषण फैलने और बॉलीवुड अभिनेताओं द्वारा पटाखे न फोड़ने की अपील को लेकर सवाल किया, तो शास्त्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदूषण निश्चित रूप से एक गंभीर विषय है, लेकिन यह प्रश्न केवल हिंदू त्योहारों पर ही क्यों उठाया जाता है।
उन्होंने कहा, त्योहारों का मकसद खुशी, शांति और आपसी भाईचारे को बढ़ाना है। अभिनेताओं और तथाकथित बुद्धिजीवियों से अपील है कि वे सभी धर्मों के पर्वों को समान दृष्टि से देखें। केवल हिंदू परंपराओं पर उपदेश देने से समाज में असंतुलन पैदा होता है।
शास्त्री ने आगे कहा कि दीपावली केवल पटाखों का त्योहार नहीं, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा है। हमें किसी से यह सीखने की जरूरत नहीं कि हमें कैसे त्योहार मनाना चाहिए। जैसे हम दूसरों के त्योहारों में दखल नहीं देते, वैसे ही हमारे त्योहारों पर भी ज्ञान न दें।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने धार्मिक सहिष्णुता पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, अगर कोई ‘आई लव मुहम्मद’ कहता है तो वह गलत नहीं है। उसी तरह अगर कोई ‘आई लव महादेव’ कहे तो उसे भी गलत नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म से प्रेम करने का अधिकार है, लेकिन नफरत और हिंसा के नारे किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हैं। सिर तन से जुदा जैसे नारे और विचार न तो हिंदू समाज सहन करेगा और न भारत का कानून। जो छेड़ेगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि सभी धर्मों की शिक्षाओं का उद्देश्य प्रेम और एकता है। किसी भी समुदाय या परंपरा को नीचा दिखाने से समाज में दूरी बढ़ती है। उन्होंने कहा, हर धर्म का सम्मान होना चाहिए। हिंदू हो या मुस्लिम, सबको अपने-अपने त्योहार पूरी श्रद्धा और सम्मान से मनाने का अधिकार है। भारत की यही सबसे बड़ी ताकत है।