Naresh Bhagoria
21 Dec 2025
नई दिल्ली। एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एअर इंडिया को सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि यदि उड़ान संचालन से जुड़े नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी जारी रही, तो एयरलाइन का ऑपरेशनल लाइसेंस सस्पेंड या रद्द किया जा सकता है। यह चेतावनी उस समय दी गई है जब हाल ही में एअर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 275 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी।
DGCA की सख्ती के बाद शनिवार को एयर इंडिया ने तीन प्रमुख अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया। इनमें डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट चूड़ा सिंह, क्रू शेड्यूलिंग की प्रमुख पिंकी मित्तल और प्लानिंग अधिकारी पायल अरोड़ा शामिल हैं। इन तीनों अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने पायलट ड्यूटी शेड्यूलिंग में भारी अनियमितताएं कीं।
DGCA के अनुसार, इन्होंने फ्लाइट क्रू की जोड़ी बनाते समय नियमों का उल्लंघन किया, आवश्यक उड़ान अनुभव को नजरअंदाज किया और शेड्यूलिंग प्रोटोकॉल को भी नहीं माना। इन अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों से हटाने का आदेश दिया गया है। साथ ही DGCA ने निर्देश दिया है कि इनके खिलाफ अंतरविभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए और जब तक सुधारात्मक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक इन्हें किसी भी फ्लाइट सेफ्टी या क्रू कंप्लायंस से संबंधित पद पर काम करने की अनुमति न दी जाए।
12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 जो लंदन जा रही थी, तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गई। विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया, जिससे यात्रियों और जमीन पर मौजूद लोगों समेत कुल 275 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा भारतीय एविएशन इतिहास के सबसे बड़े हादसों में शुमार हो गया है। DGCA ने हादसे की जांच के दौरान क्रू शेड्यूलिंग में भारी लापरवाही और नियमों की अनदेखी को प्रमुख कारण माना है।
DGCA ने एअर इंडिया से 2024 के सभी ऑडिट और इंस्पेक्शन से संबंधित ब्यौरा तलब किया है। नियामक संस्था ने फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर्स को आदेश दिया है कि 22 जून तक यह डेटा उपलब्ध कराया जाए। इसमें प्लान और अनप्लान किए गए निरीक्षणों, कॉकपिट/एनरूट चेक, स्टेशन फैसिलिटी, रैंप और केबिन इंस्पेक्शन की पूरी जानकारी शामिल होनी चाहिए। DGCA इस ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर एयरलाइन के ऑपरेशन की मौजूदा स्थिति और नियमों के अनुपालन की समीक्षा करेगा।