Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों के मुद्दे पर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 11 अगस्त को दिए गए उस आदेश में संशोधन किया है, जिसमें सभी कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने की बात कही गई थी। नया आदेश स्पष्ट करता है कि केवल बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर में रखा जाएगा, जबकि स्वस्थ कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उनके इलाके में वापस छोड़ा जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खिलाने से अव्यवस्था और विवाद की स्थिति बनती है। इसलिए अब केवल निर्धारित फीडिंग जोन में ही खाना खिलाने की अनुमति होगी। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि, कुत्तों को पकड़ने वाली टीम के काम में बाधा डालने वाले व्यक्ति पर 25 हजार और एनजीओ पर 2 लाख जुर्माना लगेगा। यह राशि कुत्तों की देखभाल और फीडिंग जोन की व्यवस्था में इस्तेमाल होगी। साथ ही, जो लोग आवारा कुत्तों को गोद लेना चाहते हैं, वे एमसीडी से अनुमति लेकर उन्हें अपने पास रख सकते हैं।
नगर निगम को निर्देश दिया गया है कि वह शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करे। अगर कोई व्यक्ति या संगठन कुत्तों की नसबंदी या फीडिंग जोन के काम में बाधा डालेगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने आदेश दिया था कि सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर से पकड़कर शेल्टर होम भेजा जाए। इस फैसले का बड़े स्तर पर विरोध हुआ। मेनका गांधी ने भी सवाल उठाते हुए कहा था कि दिल्ली में लाखों कुत्तों को रखने के लिए हजारों शेल्टर होम बनाने पड़ेंगे, जो संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश देशभर के नगर निगमों और प्रशासन के लिए गाइडलाइन बन गया है। कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे Animal Birth Control (ABC) Rules के पालन की रिपोर्ट पेश करें। साथ ही, सभी हाईकोर्ट में लंबित इस तरह के मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया गया है।
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