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दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोका, इंदौर के गांव से शर्मनाक घटना, पुलिस की समझाइश के बाद सिर्फ दूल्हे को करवाए मंदिर में दर्शन

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से भेदभाव और असमानता की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। बेटमा थाना क्षेत्र के संघवी गांव में एक दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सोमवार को बेटमा थाना क्षेत्र के संघवी गांव निवासी अंकित राधेश्याम सोलंकी अपनी बारात के साथ गांव के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने मंदिर में प्रवेश करना चाहा, गांव के कुछ दबंगों ने मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर ताले जड़ दिए और दूल्हे समेत पूरी बारात को मंदिर के बाहर ही रोक दिया। घंटों तक मंदिर के बाहर हंगामा चलता रहा, बारात रुकी रही और दूल्हा मायूस खड़ा रहा। इस दौरान परिजनों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जो वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना की कड़ी आलोचना की और इसे सामाजिक समानता के खिलाफ बताया।

दो घंटे बाद हुए दर्शन

घटना की सूचना मिलते ही बेटमा पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाइश दी। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार दूल्हे को मंदिर में दर्शन की अनुमति दी गई। दूल्हे के मंदिर में दर्शन करते हुए वीडियो भी सामने आया है।

गर्भगृह में प्रवेश को लेकर थी आपत्ति

ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि दलित समाज के लोग गर्भगृह तक जाना चाह रहे थे, वहीं पर विवाद की स्थिति बनी। राजपूत समाज के लोगों ने कहा कि किसी भी जाति के व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं गया, लेकिन गर्भगृह में प्रवेश को लेकर आपत्ति थी। पुलिस ने समझाइश देकर दलित समाज के लोगों को दर्शन करवाए हैं।”

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