Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
नई दिल्ली/रायपुर। राजस्थान और मध्य प्रदेश में दो साल से कम उम्र के कई बच्चों की संदिग्ध मौतों ने सरकार को झकझोर दिया है। बताया जा रहा है कि इन बच्चों को खांसी-जुकाम से राहत देने के लिए ‘कॉल्ड्रिफ’ नाम का सिरप दिया गया था, जिसके सेवन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और कई ने दम तोड़ दिया। घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार देर शाम सभी राज्यों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह की कफ सिरप या सर्दी-जुकाम की दवा नहीं दी जाएगी। केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि बिना किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह के कोई भी सिरप या दवा नहीं दी जानी चाहिए। इस आदेश के बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए राज्यभर में इस आयु वर्ग के बच्चों को खांसी-जुकाम की सिरप देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के बाद देशभर के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को नई एडवाइजरी जारी की गई है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित लखीराम मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे अब दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए किसी भी प्रकार का सिरप न लिखें। कॉलेज के शिशु रोग विभाग के प्रभारी डॉ. एल.के. सोनी ने बताया कि छोटे बच्चों में सिरप की जरूरत बहुत कम होती है, इसलिए अब प्राकृतिक और घरेलू उपचारों पर जोर दिया जा रहा है।
केंद्र के निर्देश के बाद पंजाब, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने भी एहतियाती कदम उठाए हैं। लखीराम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विनीत जैन ने कहा कि, भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार सभी विभागों को सिरप न देने के आदेश दिए गए हैं। बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसका सख्ती से पालन होगा।