Shivani Gupta
9 Oct 2025
मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मरने वाले बच्चों की संख्या अब 25 हो गई है। छिंदवाड़ा के मोरडोगरी परासिया निवासी गर्विक (1 वर्ष) की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गई।
इस सिरप को बनाने वाली श्रीसन फार्मा कंपनी के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को SIT टीम ने चेन्नई से गिरफ्तार किया है। उन पर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित था। टीम ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नागपुर पहुंचे और अस्पतालों में भर्ती चार बच्चों का हाल जाना। उन्होंने बच्चों के परिजनों से भी बातचीत की। अस्पताल में अंबिका विश्वकर्मा, कुणाल यदुवंशी और हर्ष यदुवंशी सहित चार बच्चे भर्ती हैं।
सीएम ने कहा कि तमिलनाडु सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है, जबकि गिरफ्तारी वहीं से हुई है। उन्होंने कहा कि दवा कंपनी पूरी तरह जिम्मेदार है। हमने ड्रग कंट्रोलर को हटाया, असिस्टेंट कंट्रोलर को सस्पेंड किया और सिरप लिखने वाले डॉक्टर पर भी कार्रवाई की। हमारी सरकार किसी को छोड़ने वाली नहीं है।
डॉ. यादव ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की मौत गलत दवाई (मैन्युफैक्चरिंग मिस्टेक) की वजह से हुई है। जैसे ही तमिलनाडु से रिपोर्ट आई, सरकार ने कंपनी को बैन कर दिया।
सीएम ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जो इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं, वे तमिलनाडु जाकर धरना दें। वहां देखें कि फैक्ट्री को लाइसेंस कैसे मिला और दोबारा रिन्यूअल क्यों किया गया। अगर राहुल गांधी चाहें तो खुद जाकर देखें।
तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से तैयार किया गया था। कंपनी मालिक ने माना कि उसने 100 किलो प्रोपलीन ग्लायकॉल खरीदा था, लेकिन इसका न कोई बिल है, न खरीद की एंट्री। भुगतान कैश और गूगल पे से किया गया था।