Aditi Rawat
15 Nov 2025
भोपाल। बिहार चुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। 2020 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को 13 सीटें कम मिलीं। यह परिणाम पार्टी के लिए बड़ा सबक देकर गया है। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि सभाओं में भीड़ देखकर लगता नहीं था कि परिणाम ऐसे आएंगे। कई नेताओं ने इसे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद वोट चोरी का नतीजा बताया है। अब मप्र में भी SIR चल रहा है। ऐसे में पार्टी नेताओं की कोशिश रहेगी की SIR के दौरान एक-एक कार्यकर्ता अपने बूथ पर ज्यादा गंभीर रहकर नाम जोड़ने और काटने की कार्यवाही पर सतर्कता बरते। पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस पर सक्रिय कर दिया है।
प्रदेश में वोटर लिस्ट अपडेट करने के दौरान आम लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मसलन किसी का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं मिल रहा है तो किसी के घर 2003 के बाद आईं बहू का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने के लिए मायके से माता-पिता की जानकारियां मंगाना जरूरी हो गया है। राजनीतिक दलों ने इन समस्याओं का समाधान कराने के लिए अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) सक्रिय किए हैं। भाजपा ने इनकी दो कैटेगरी बनाई है। कांग्रेस ने भी 65000 बूथों पर अपने एजेंट को सक्रिय किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया कहते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हरियाणा और बिहार में SIR के कारण वोटर लिस्ट में बड़ी हेराफेरी कर चुनाव जीता गया है। SIR के काम को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हम अपने एजेंट और कार्यकर्ताओं से लगातार बात कर रहे हैं। उन्हें कोई समस्या आ रही है तो उसका समाधान कर रहे हैं। मतदाताओं के मदद के लिए पार्टी ने एक वीडियो भी जारी किया है।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बूथ पर एक्टिव रहने की जरूरत बताई है। राहुल गांधी ने कहा है कि यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन बिहार के परिणाम की गहराई से समीक्षा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कहा है कि आज का चुनाव मतदान केंद्र पर सघन जनसंपर्क का है ना कि रैली व जनसभा का।