Aakash Waghmare
14 Oct 2025
Mithilesh Yadav
14 Oct 2025
Shivani Gupta
14 Oct 2025
Mithilesh Yadav
14 Oct 2025
Shivani Gupta
13 Oct 2025
Mithilesh Yadav
13 Oct 2025
इस साल देश में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की पूरी संभावना है। ऊपरी हिमालय का 86 प्रतिशत हिस्सा अक्टूबर के पहले ही सप्ताह में बर्फ से ढंक गया है, जबकि यह स्थिति सामान्यतः दिसंबर में बनती है। हाल ही में आए पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) के कारण पूरे हिमालयी क्षेत्र में तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है, जिससे ताजा बर्फ अब तक नहीं पिघली है। मौसम वैज्ञानिक इसे एक अच्छा संकेत मान रहे हैं।
वरिष्ठ जलवायु विशेषज्ञ डॉ. मेहता के अनुसार, इस समय जो बर्फ गिरी है, वह हिमालय के ग्लेशियरों की सेहत के लिए फायदेमंद है। तापमान में गिरावट के चलते यह बर्फ जल्दी पिघल नहीं रही है, जिससे ग्लेशियर रिचार्ज हो रहे हैं। यह स्थिति अगले 5 वर्षों तक बनी रह सकती है। इसका सीधा लाभ उत्तर भारत की नदियों को मिलेगा, जो सालभर बहती रहेंगी।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस दिसंबर से ला नीना प्रभावी हो सकता है। यह एक मौसमी घटना है जिसमें प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे भारत समेत दक्षिण एशिया में ठंड और बारिश दोनों बढ़ जाती हैं। ऊपरी हिमालय में तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। अनुमान है कि उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में भी तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाएगा।
नेपाल, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम के ऊपरी इलाकों में बर्फ की मोटी चादर बिछ चुकी है। इस बर्फबारी से न केवल ग्लेशियरों का कैचमेंट एरिया बढ़ा है, बल्कि इसका असर मध्य और निम्न हिमालयी क्षेत्रों के साथ मैदानी इलाकों तक देखने को मिल रहा है। अक्टूबर की शुरुआत से ही तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
वैज्ञानिक आंकड़े बताते हैं कि पिछले 122 वर्षों में भारतीय उपमहाद्वीप का औसत सतही तापमान 0.99 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। हालांकि 2025 के अंत तक इस वृद्धि में अस्थायी गिरावट की संभावना है। ला नीना के कारण वैश्विक औसत तापमान में 0.2 डिग्री तक की कमी देखी जा सकती है।
मध्य प्रदेश: मानसून विदा, लेकिन बारिश बरकरार; ठंड ने समय से पहले दी दस्तक
मध्य प्रदेश में इस बार ठंड ने सामान्य से पहले दस्तक दे दी है। राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.6 डिग्री कम है। यह तापमान पिछले 26 वर्षों में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में तीसरी बार इतना नीचे गया है।
पूरे राज्य से मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है। 16 जून को प्रवेश करने वाला मानसून इस बार 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा और तीन चरणों में प्रदेश से विदा हुआ। सोमवार को सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा से भी इसकी वापसी हो गई। हालांकि, विदाई के बावजूद दक्षिणी जिलों में 15-16 अक्टूबर को गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में हो रही बर्फबारी के कारण उत्तर से ठंडी हवाएं मध्य प्रदेश की ओर बह रही हैं। इसका असर रात के तापमान पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। इंदौर और राजगढ़ में न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री, जबलपुर में 18.5 डिग्री, उज्जैन में 17.3 डिग्री, छिंदवाड़ा में 16.8 डिग्री और नौगांव में 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
राजस्थान में तापमान में असंतुलन देखा जा रहा है। रातों में तापमान तेजी से गिरा है, जबकि दिन में हल्की बढ़ोतरी हुई है। सीकर में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। अगले चार से पांच दिन राज्य में मौसम साफ और शुष्क रहने का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से ठंड बनी हुई थी, लेकिन अब चार दिनों से खिल रही धूप ने मौसम सुहावना बना दिया है। प्रदेश में आठ दिन बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर चला गया है। अगले सप्ताह तक मौसम साफ रहने का अनुमान है।
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर हरियाणा के मैदानी इलाकों में भी नजर आने लगा है। गुरुग्राम में न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस, जबकि हिसार और महेंद्रगढ़ में 16.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार तापमान में और गिरावट की संभावना बनी हुई है।
पंजाब में दिन के तापमान में थोड़ी वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन सुबह और शाम की ठंडक बनी हुई है। बारिश की कोई संभावना नहीं है। आने वाले दिनों में दोपहर के समय हल्की गर्मी रहेगी, लेकिन सुबह-शाम का मौसम ठंडा बना रहेगा।