Shivani Gupta
13 Sep 2025
नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से एक दिन पहले सोमवार को एक किताब में दावा किया गया कि नाथूराम गोडसे की गोली से गांधी की मौत नहीं हुई थी, उनकी मौत किसी दूसरे की गोली से हुई थी। किताब में यह भी अपील की गई है कि महात्मा गांधी के मौत के कारणों की जांच के लिए आयोग का गठन किया जाए, क्योंकि उनकी हत्या के सबूत दबा दिए गए थे। यह किताब महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने लिखी है, जिसका नाम ‘Make Sure Gandhi Is Dead’ है। बता दें, नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के आरोप में गोडसे को 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई।
किताब में दावा किया गया है कि गांधी की हत्या किए जाने के समय गोडसे उनके सामने खड़े थे, लेकिन गांधी को ऊपर की ओर गोली मारी गई। गोडसे की ओर से चलाई गई गोलियां और महात्मा गांधी के शरीर में मिली गोलियां दोनों अलग- अलग थीं। गोडसे ने स्वीकार किया था कि गोलियां उन्होंने चलाई थी, लेकिन वो गोली किसी दूसरे ने चलाई थी, जिससे गांधी की जान गई। सावरकर ने कहा कि हमें जांच करनी चाहिए कि वे लोग कौन थे, जिन्होंने गांधी की हत्या की थी।