Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
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23 Nov 2025
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23 Nov 2025
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23 Nov 2025
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की संदिग्ध मौतों का रहस्य अब खुल चुका है। जांच में सामने आया है कि बच्चों को दी गई कफ सिरप कोल्ड्रिफ (Coldrif) में खतरनाक रासायनिक तत्व डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) की भारी मात्रा पाई गई थी। इसी जहरीले तत्व ने मासूमों की किडनी को फेल कर दिया, जिससे उनकी जान चली गई। अब प्रशासन ने इस गंभीर लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई करते हुए डॉक्टर और दवा कंपनी दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
शनिवार देर रात छिंदवाड़ा पुलिस की विशेष टीम ने परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर परासिया थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इसी केस में श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के संचालकों पर भी कार्रवाई की गई है।
शिवम राठौड़ (4 वर्ष), विधि (3 वर्ष), अदनान खान (5 वर्ष), उसेद खान (4 वर्ष), ऋषिका पिपरे (5 वर्ष), हितांश सोनी (4 वर्ष), विकास यदुवंशी (5 वर्ष), चंचलेश (4 वर्ष), श्रेया यादव (2 वर्ष), संध्या भोसम (1 वर्ष), योगिता ठाकरे (1.5 वर्ष)।
सरकार ने शनिवार को दोनों सिरप- Coldrif और Nextro-DS को पूरे मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “यह बेहद दुखद घटना है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। इस सिरप की बिक्री पर रोक लगाई गई है और कंपनी के अन्य उत्पादों की भी जांच होगी।” उन्होंने यह भी बताया कि, राज्य स्तर पर एसआईटी (SIT) का गठन कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह “मानव निर्मित त्रासदी” है। उन्होंने कहा- “छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप से मासूमों की मौत दुखद और भयावह है। राज्य सरकार को हर मृतक के परिवार को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी मांग की है कि, प्रदेश में नकली और जहरीली दवाओं के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।