Manisha Dhanwani
8 Dec 2025
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर बहस पूरी हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट कभी भी आदेश जारी कर सकता है।
शराब घोटाला केस में गिरफ्तार चैतन्य बघेल 18 जुलाई से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी और राहत की मांग की थी।
याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट की सिंगल बेंच (जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा) में हुई। लंबी बहस के बाद अदालत ने निर्णय सुरक्षित रखा। फैसले का सभी राजनीतिक और प्रशासनिक हल्कों में इंतजार है।
ED के अनुसार, शराब घोटाले से जुड़ी रकम में से 16.70 करोड़ रुपए चैतन्य बघेल तक पहुंचे। एजेंसी का आरोप है कि शराब घोटाले की ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर छिपाया गया।
ED की जांच में सामने आए कुछ प्रमुख बिंदु-
ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि शराब घोटाले की जांच में डिजिटल चैट, रिकॉर्डिंग और वित्तीय लेनदेन के सबूत मिले। चैतन्य बघेल पर बड़ी रकम की लेयरिंग करने का आरोप। ईडी का दावा- घोटाले की रकम को चैनलाइज कर बघेल तक पहुंचाया जाता था। अनवर ढेबर, दीपेंद्र चावड़ा, केके श्रीवास्तव और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का नाम भी जांच में आया
हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद अब सभी की निगाहें आदेश पर टिकी हैं। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति, प्रशासन और आर्थिक अपराध जांच एजेंसियों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।