Mithilesh Yadav
21 Sep 2025
रायपुर/जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ में कोयला और शराब घोटाले से जुड़े मामलों में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। रविवार को दोनों मामलों में अलग-अलग जिलों में छापेमारी की गई। कोयला घोटाले में जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में दबिश दी गई, जबकि शराब घोटाले में रायपुर में रेड की कार्रवाई हो रही है।
जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में EOW की 12 सदस्यीय टीम ने कोयला व्यापारी जयचंद कोसले के घर पर छापा मारा। यह दबिश अंबेडकर चौक स्थित कोसले के निवास पर दी गई।
जानकारी के अनुसार जयचंद कोसले के पिता खनिज विभाग में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। टीम ने रायपुर में भी जयचंद कोसले के सेजबहार स्थित अविनाश स्मार्ट सिटी कॉलोनी में रेड की। दो गाड़ियों में पहुंचे अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जयचंद कोसले, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रह चुकीं सौम्या चौरसिया का करीबी बताया जा रहा है।
शराब घोटाले की जांच में EOW की टीम रायपुर के शिव विहार कॉलोनी स्थित शराब कारोबारी अवधेश यादव के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि अवधेश के रायपुर स्थित दो ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। अफसर घर के अंदर मौजूद दस्तावेजों और लेन-देन से जुड़े कागजात की गहन जांच कर रहे हैं।
दो दिन पहले ही EOW ने शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए रिटायर्ड IAS निरंजन दास को गिरफ्तार किया था। निरंजन दास कांग्रेस सरकार के दौरान आबकारी आयुक्त रहे हैं।
आरोप है कि वे सिंडिकेट के ऑपरेशन में अहम भूमिका निभा रहे थे और घोटाले से हर महीने 50 लाख रुपए की रकम ले रहे थे। शुक्रवार को उन्हें रायपुर की ACB-EOW कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 25 सितंबर तक रिमांड पर भेजा गया।
EOW की जांच में सामने आया है कि रिटायर्ड IAS निरंजन दास ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर शराब घोटाले का सिंडिकेट खड़ा किया था।
इस सिंडिकेट पर आरोप है कि उसने सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करने, डिस्टिलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाने, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई कराने और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब बेचने जैसी गतिविधियों से राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर रही है। ED ने ACB में दर्ज FIR में 2000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का जिक्र किया है। जांच में सामने आया कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन MD एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने यह पूरा घोटाला किया।
इन लोगों पर सरकारी दुकानों से अवैध कमाई करने, अतिरिक्त शराब उत्पादन और फर्जी होलोग्राम के जरिए बाजार में शराब बेचने के गंभीर आरोप हैं।