Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
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6 Nov 2025
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Shivani Gupta
6 Nov 2025
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6 Nov 2025
पुष्पेन्द्र सिंह, भोपाल। राज्य सरकार के वित्त विभाग की माने तो केंद्र सरकार विभिन्न विभागों को अपना हिस्सा देने में कंजूसी कर रही है। सरकारी पोर्टल के अनुसार 34 हजार करोड़ से अधिक हिस्से में से अभीतक 9 हजार करोड़ ही मिले हैं जो कुल बजट प्राप्ति का 26 प्रतिशत है। पोर्टल में सामाजिक न्याय और नि:शक्तजन विभाग सहित कई विभागों को शून्य बजट मिलना बताया गया है जबकि विभाग ने दावा किया है कि उसे शत- प्रतिशत राशि उपलब्ध करा दी गई है। पेंशन की राशि मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों के खातों में ट्रांसफर भी कर दी है।
सरकारी जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री के नाम से संचालित योजनाओं पर पैसा नहीं मिला है। जैसे कि निर्मल भारत अभियान, पीएम कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड), पीएम पोषण शक्ति निर्माण, पीएम कारीगर योजना, पीएम मातृ वंदना योजना। इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के साथ पोषण अभियान - एनएनएम, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0, महिला शक्ति केंद्र, किशोरी बालिका योजना, महिला हेल्प लाइन, मध्यान्ह भोजन सामग्री परिवहन, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना आदि। पर्यावरण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना और झील संरक्षण योजना के नाम पर कुछ नहीं मिला।
वृद्धा, विधवा और नि:शक्तजन पेंशन योजना में विभाग को केंद्र से पूरा हिस्सा मिल चुका है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने खातों में राशि भी डाली है। मप्र, देश का पहला राज्य है जिसे इस साल चारों किस्तें मिली हैं। वित्त विभाग के पोर्टल में क्या है? इस पर कुछ नहीं कह सकता। -सचिन सिन्हा, प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन
वित्त विभाग के पोर्टल में क्या डिटेल है, आप मुझे भेज दें। देखने के बाद ही बताया जा सकेगा कि केंद्र से कितना हिस्सा किस-किस विभाग को मिला है। (और संपर्क काट दिया) -वक्की कार्तिकेयन, संचालक, बजट