इंदौर - वैसे डॉक्टर को भगवान के रूप का दर्जा मिल हैं। इन्हे धरती पर दूसरा रूप कहे तो शायद गलत नहीं होगा । अगर धरती पर डॉक्टर नहीं होते तो रोगियों का इलाज संभव नहीं था और मानव जीवन संकट में पड़ जाती। ऐसा ही एक जीत जागता उदाहरण शुक्रवार को इंदौर के एम.वाय.एच.अस्पताल में देखने को मिला जब हादसे में 12mmके लोहे के 3 सरियो से गंभीर रूप से घायल मरीज को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। लेकिन उसकी स्तिथि काफी गंभीर बनी हुई थी । लेकिन चिकित्सकों की टीम ने उसका सफलता पूर्वक इलाक कर उसे मौत के मुह से बचा लाए ।
घटना 20 सितम्बर की दोपहर 4 बजे के लगभग की बताई जा रही है। जब फिनिक्स माल के सामने चर्च साइड सेंटिंग का कार्य क़र रहे ,नितेश पिता मुकेश जायसवाल (उम्र 25 वर्ष) मजदूर का दूसरी मंजिल से पैर फिसलने से नीचे गिर गया । जिसमे कॉलम के सरिये निकले हुए थे। गिरते ही एक कॉलम के तीन सरिये पेट मे आर पार हो गए थे। मरीज नितेश पिता मुकेश जायसवाल (उम्र 25 वर्ष) को रस्सी से बाँध क़र सरिये को काटकर तत्काल 108 एम्बुलेंस की मदद से उन्हें एम.वाय. अस्पताल लाया गया। जहाँ उनकी गंभीर हालत को मद्दे नजर रखते हुए विशेष चिकित्सको की टिम ने उनकी जांच की जिसमे दो लोहे के सरिये पेट से आर पार हुए थे। और एक सरिया उल्टी तरफ की जांघ में आर पार हुआ था और डॉ. सुदर्शन ओडिया की टिम ने तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। यदि सरियो को समय से नहीं निकालते तो उनकी जान जाने का खतरा था । उनको तुरंत भर्ती करके फ्लूड्स और खून चढ़ाया गया और आपातकालीन सर्जरी के लिए ऑपरेशन थिएटर में लिया गया । ऑपरेशन के दौरान सरियो के कारण एक लीटर खून जो पेट में जमा हुआ था उसे निकाला गया धीरे धीरे सावधानीपूर्वक एक एक करके तीनों सरियो को निकाला गया
ऑपरेशन के दौरान पता चला की सरियो के कारण रीड़ की हड्डी और कूल्हे की हड्डी भी आर पार जाने के कारण फ्रेक्चर हो गया था जिसका भी तुरंत इलाज किया गया । पाँच दिन मरीज का एम वाय अस्पताल के आईसीयू में 24 घंटे डोक्टरों की निगरानी में गहन इलाज किया गया। वही अब मजदूर की हालत खतरे बाहर व स्थित सामान्य बताई का रही हैं।
यह थी टीम -
इस जटिल सर्जरी, को जनरल सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार शुक्ल के नेतृत्व में प्रोफेसर डॉ. सुदर्शन ओडिया, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार महाजन , डॉ सतीश वर्मा, डॉ यश अग्रवाल, डॉ अभिनय सोनी, डॉ अर्पित तिवारी, डॉ ध्रुवसिंह गोहिल की टिम ने सफलता पूर्वक सम्पन्न किया । इस ऑपरेशन में निश्चेतना विभाग से प्रोफेसर डॉ. रश्मि पाल, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रवि बारडे और उनकी टिम ने सहयोग किया । और हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. आनंद अजमेरा और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक पाल की टिम ने सहयोग किया । सभी चिकित्सकों ने अपनी विशेषज्ञता और त्वरित निर्णय क्षमता का परिचय देते हुए सफलतापूर्वक ऑपरेशन संपन्न किया और मरीज की जान बचाई ।