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बीजापुर के इंद्रावती जंगल में मुठभेड़ : सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को किया ढेर, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए हैं। शनिवार सुबह करीब 9 बजे इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के घने जंगलों में सीआरपीएफ, कोबरा कमांडो और राज्य पुलिस के विशेष बलों की एक संयुक्त टीम ने नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया। सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना मिली थी कि इस इलाके में नक्सली छिपे हुए हैं।

फायरिंग में दो नक्सली ढेर

ऑपरेशन के दौरान जैसे ही सुरक्षाबलों ने घेराबंदी शुरू की, नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में कोबरा कमांडोज ने दो नक्सलियों को मौके पर ही ढेर कर दिया। घटना के बाद से जंगलों में रुक-रुक कर फायरिंग जारी है। अभी तक किसी सुरक्षाकर्मी के हताहत होने की खबर नहीं है।

CRPF का बयान- ऑपरेशन जारी

सीआरपीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए कहा कि, सुबह 9:30 बजे के आसपास 202 कोबरा और 210 कोबरा यूनिट्स ने छत्तीसगढ़ पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स और जिला रिजर्व गार्ड के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। अभी पूरे इलाके में तलाशी अभियान जारी है। इसके साथ ही और भी शव बरामद होने की आशंका जताई जा रही है।

इंद्रावती नदी के जंगलों में घेरा बना हुआ

बीजापुर पुलिस ने बताया कि, मुठभेड़ इंद्रावती नदी के किनारे जंगलों में हुई। जैसे ही नक्सलियों को घेरा गया, उन्होंने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें उन्हें सफलता मिली। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। सुरक्षाबलों का मानना है कि नक्सलियों को इस मुठभेड़ में भारी नुकसान पहुंचा है।

पिछले महीने एक जवान हुआ था शहीद

गौरतलब है कि, मार्च 2025 में बीजापुर और कांकेर जिलों की सीमा पर हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 30 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। उस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हुआ था। इससे साफ है कि सुरक्षा एजेंसियां लगातार नक्सलियों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चला रही हैं।

मार्च 2026 तक नक्सल-मुक्त होगा भारत

पिछली मुठभेड़ों के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि, केंद्र सरकार नक्सलवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना रही है। शाह ने ऐलान किया था कि, मार्च 2026 तक भारत को पूरी तरह नक्सल-मुक्त कर दिया जाएगा।

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