Aakash Waghmare
24 Dec 2025
भोपाल। अरेरा कॉलोनी में सड़क किनारे ग्रीन बेल्ट (साइड-वर्ज) पर किया गया गैस्ट्रो केयर और फ्रैक्चर अस्पताल का अतिक्रमण नगर निगम अमले ने मंगलवार को हटाया। कार्रवाई दोपहर करीब 1 बजे से शाम 7 बजे तक चली। अमले ने गैस्ट्रो केयर अस्पताल के सामने ग्रीन बेल्ट पर कब्जा कर बनाई गई पार्किंग सहित ग्रीन बेल्ट पर रखवाई गई बेंचों को हटवाया। साथ ही गुमठियों और अन्य कब्जों को भी हटाया गया।
वहीं, फ्रैक्चर अस्पताल के सामने ग्रीन बेल्ट पर रखी गई बैंच हटाने के साथ पेविंग ब्लॉक हटाकर यहां पौधरोपण कराया गया। दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने निगम को सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट से कब्जे हटाने के साथ ही प्लांटेशन कराने का फरमान सुनाया है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होनी है।
बता दें कि पर्यावरणविद् डॉ. सुभाषचंद्र पांडे ने मार्च 2023 में सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट पर लगे पेड़ों को काटकर यहां कच्चे-पक्के निर्माण कर हरियाली खत्म करने को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की थी। इसके बाद एनजीटी ने ग्रीनबेल्ट में चिह्नित 692 अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम सहित जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी को पाबंद किया था। तब से अब तक निगम इन अतिक्रमणों को नहीं हटा सका है।
निगम ने एनजीटी को बताया है कि 692 में से सिर्फ 58 अतिक्रमण ऐसे हैं, जिन्हें हटाया जाना है। जबकि याचिकाकर्ता ने निगम की बात को खारिज करते हुए एनजीटी को बताया कि ग्रीन बेल्ट में 1500 से ज्यादा कब्जे हैं। साथ ही जिन कब्जों को नगर निगम हटाने का दावा कर रहा है, वह दोबारा हो चुके हैं। इस पर ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता से कब्जेधारियों के नाम पतों के साथ जानकारी तलब की थी।
डॉ. पांडे ने ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कब्जेधारियों की जो लिस्ट एनजीटी को दी थी, उसमें अरेरा कॉलोनी स्थित गैस्ट्रो केयर अस्पताल भी शामिल था। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने एनजीटी को बताया कि उसके द्वारा ग्रीन बेल्ट पर कोई कब्जा नहीं किया गया है। इस पर याचिकाकर्ता ने 270 पेज का जवाब अस्पताल द्वारा किए गए कब्जे के फोटो के साथ एनजीटी में पेश किए थे। इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।
वीआइपी इलाकों में ग्रीनबेल्ट पर सबसे ज्यादा कब्जे हैं। चार इमली में 5 नंबर से ऊपर की ओर चढ़ने पर दाएं हाथ पर ग्रीनबेल्ट को नष्ट कर दिया गया है। किसी मंत्री के बंगले के सामने ग्रीनबेल्ट पर पार्किंग बना दी गई है तो किसी ने सर्वेट क्वार्टर बना दिए हैं।
ग्रीन बेल्ट पर किए गए अतिक्रमणों की सूची डीएफओ ने नगर निगम को साल 2021 में सौंपी थी। एनजीटी द्वारा गठित की गई पहले वाली कमेटी ने भी इन अतिक्रमण की अनदेखी की थी। उन्हें केरवा रोड पर कुछ झुग्गियों और गुमठियों के अलावा कोई अतिक्रमण ग्रीन बेल्ट में नहीं दिखा था। वहीं याचिकाकर्ता की आपत्ति के बाद दोबारा समिति का गठन किया गया। समिति की रिपोर्ट में बताया था कि याचिकाकर्ता ने ग्रीनबेल्ट पर कब्जा करने वाले 7 अतिक्रमणकारियों की लिस्ट दी थी। इनमें से 6 सही पाए हैं।
एनजीटी के निर्देशानुसार ग्रीन बेल्ट पर किए गए कब्जों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जहां से अतिक्रमण हटा रहे हैं, वहां पौधरोपण किया जा रहा है।
प्रमोद मालवीय, इंजीनियर, नगर निगम
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