भोपाल। वन विहार नेशनल पार्क में मंगलवार को एक मादा तेंदुआ की सर्जरी की गई। उसके बाएं पैर के पंजे की हड्डियां टूट गई थी, जिससे गैंगेरियस फैल गया था। ऐसे में उसकी जान जाने का खतरा था। उसकी जान बचाने के लिए उसके बाएं पंजे को उसके शरीर से अलग कर दिया गया। सर्जरी के बाद उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
लटेरी से रेस्क्यू कर लाया गया था भोपाल
इस घायल मादा तेंदुए को बीते सप्ताह विदिशा जिले के लटेरी से रेस्क्यू कर भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क लाया गया था। यह मादा तेंदुआ वहां एक ग्रामीण के घर घायल अवस्था में मिली थी। वन विहार में लाकर उसे क्वारंटाइन में रखा गया था। उसका इलाज वन विहार के वेटरनरी एक्सपर्ट डॉ. अतुल गुप्ता विशेषज्ञों से परामर्श लेकर कर रहे थे।
आधे घंटे चली सर्जरी
मंगलवार को राज्य पशु चिकित्सालय के सीनियर वेटरनरी एक्सपर्ट डॉ. सुनील कुमार तुमड़िया, वन विहार के वेटरनरी सर्जन डॉ. अतुल गुप्ता एवं वाइल्ड लाइफ एसओएस वन विहार के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. रजत कुलकर्णी ने घायल मादा तेंदुआ को बेहोश कर पहले उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके साथ ही एक्स रे कर तेंदुए के ब्लड सैंपल भी लिए गए। इसके बाद मादा तेंदुए में गैंगेरियस फैलने की आशंका को देखते हुएस डॉरक्टर्स के दल ने तय किया कि उसके बाएं पैर का पंजा अलग किया जाना जरूरी है। इसके बाद वेटरनरी सर्जन की टीम ने आधे घंटे से ज्यादा समय तक उसका ऑपरेशन कर पंजे को अलग किया। फिलहाल इस मादा तेंदुए को वन विहार के स्पेशल केज में एक्सपर्ट्स की निगरानी में रखा गया है।
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इनका कहना है
मेडिकल परीक्षण के दौरान पिछले बाएं पंजे की हड्डियां टूटी हुई पाई गईं। गैंगेरियस होने के कारण एवं घायल मादा तेंदुआ की जान बचाने के लिए उसके पंजे को अलग (एम्पुटेशन) कर दिया गया। -
(अवधेश मीना, डायरेक्टर वन विहार नेशनल पार्क)
(इनपुट - संतोष चौधरी)
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