Shivani Gupta
20 Oct 2025
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 28 अगस्त को हुई भस्म आरती में बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवताओं का पूजन किया।
भगवान महाकाल का पहले जलाभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन संपन्न हुआ।
भगवान महाकाल को इस दिन भांग, चंदन और आभूषण अर्पित कर गणेश जी का स्वरूप दिया गया। मंदिर में प्रवेश करते ही घंटाल बजाकर भगवान का ध्यान कर मंत्रोच्चार के साथ हरिओम जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद मस्तक पर भांग, चंदन और त्रिपुंड लगाया गया।
श्रृंगार पूर्ण होने के बाद ज्योतिर्लिंग को वस्त्र से ढककर भस्म अर्पित की गई। इसके बाद शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाला, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला अर्पित की गई।
मोगरे और गुलाब के पुष्पों से सजे भगवान महाकाल को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। इस विशेष भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान को भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पण के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।