बसवराज बोम्मई होंगे कर्नाटक के नए सीएम, आज सुबह 11 बजे लेंगे शपथ; राज्य में तीन उप मुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे
Publish Date: 28 Jul 2021, 9:28 AM (IST)Reading Time: 2 Minute Read
बेंगलुरु। बसवराज बोम्मई आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वह राज्य के 23वें मुख्यमंत्री बनेंगे। शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11 बजे होगा। बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद मंगलवार शाम को केंद्रीय पर्यवेक्षकों धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी और कर्नाटक भाजपा प्रभारी अरुण सिंह की देखरेख में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई थी। इसमें येदियुरप्पा ने लिंगायत समुदाय से आने वाले राज्य के गृहमंत्री बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा, जिन्हें सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। देर रात बोम्मई ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद बोम्मई ने कहा, 'मैंने राज्यपाल को विधायक दल के नेता के रूप में अपने चुनाव के बारे में सूचित कर दिया है। उन्होंने मुझे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। हमने चर्चा की है और फैसला किया है कि मैं 11 बजे शपथ लूंगा।' राज्यपाल कार्यालय के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के ग्लास हाउस में होगा। बोम्मई (61) ने कहा कि वह आज अकेले शपथ लेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बोम्मई के साथ-साथ कर्नाटक में तीन उप मुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे। इनमें आर अशोक (वोक्कालिंगा समुदाय से आते हैं), गोविंद करजोल (एससी समुदाय से हैं) और श्रीरामालु (एसटी समुदाय से हैं) शामिल हैं। ऐसा करके बीजेपी राज्य के जातीय गणित को साधना चाहती है।
2023 में होना है चुनाव
कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की भागीदारी करीब 17 प्रतिशत है। 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर 100 से ज्यादा सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा ने येदियुरप्पा के हटने के बाद लिंगायत समुदाय के ही किसी व्यक्ति को नया सीएम बनाकर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता का गणित साधने की कोशिश की है।
पिता भी रह चुके हैं सीएम
सादर लिंगायत समुदाय से आने वाले बसवराज पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं। खेती से जुडे़ होने के नाते कर्नाटक के सिंचाई मामलों का जानकार माना जाता है। राज्य में कई सिंचाई परियोजनाएं शुरू करने की वजह से उनकी सराहना की जाती है। उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में भारत की पहली 100 फीसदी पाइप सिंचाई परियोजना लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बसवराज 2008 में भाजपा में शामिल हुए और तभी लगातार पार्टी में ऊपर चढ़ते चले गए। वह पहले राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी।