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Mahashivratri : सवा लाख बेल पत्र, 300 किलो फूल से तैयार हुआ महाकाल का सेहरा, थाईलैंड और इंडोनेशिया के फूलों से महकेगा आंगन

महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर 44 घंटे होंगे बाबा के दर्शन

उज्जैन। महाशिवरात्रि पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। यहां एक दिन पहले से ही बाहर से आए भक्तों का डेरा डल चुका था। 18 फरवरी की सुबह से ही महाकाल की नगरी में शिव भक्तों का तांता नजर आ रहा है। हजारों दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए महाकाल मंदिर में लगातार 44 घंटे दर्शन का सिलसिला चलेगा। शनिवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रात: 3 बजे भस्म आरती के लिए पट खुले। इसके बाद से श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला जारी हो गया।

किस-किस समय आरती

महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन करते श्रद्धालु।

सुबह भस्म आरती के बाद सुबह 7: 30 से 8:15 तक दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 बजे तक भोग आरती होगी। दोपहर 12 से 1 बजे तक तहसील की ओर से अभिषेक-पूजन होगा। उसके पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं 6 बजे की आरती होगी। रात्रि 7 से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुंड पर स्थित कोटेश्वर महादेव का पंचामृत पूजन, सप्तधान अर्पण के बाद पुष्प मुकुट श्रृंगार आरती होगी।

बेंगलुरू के कारीगर सजाते हैं आंगन

महाकाल का दूल्हे के रूप शृंगार करने के लिए सेहरे और खास फूलों की व्यवस्था की जाती है। बाबा महाकाल का सेहरा बनाने वाले अजय परमार ने बताया कि महाकाल के दूल्हे के रूप में श्रृंगार के लिए 3 किवंटल फूल लगे हैं। इनमें 100 किलो आंकड़े के फूल ,सवा लाख बेल पत्र, 200 किलो देसी फूल से 11 फीट का सेहरा बनाया गया है। यही नहीं, महाकाल का आंगल फूलों से सजाया जा रहा है। बेंगलुरू, थाईलैंड और इंडोनेशिया के विशेष विदेशी फूलों से सजाने के लिए 5 से अधिक कारीगर बेंगलुरू से हर साल यहां आते हैं। भगवान महाकाल के भक्त बेंगलुरू निवासी कृष्ण रेड्डी हर साल मंदिर में साज-सज्जा करवाते हैं।

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