Shivani Gupta
9 Oct 2025
अयोध्या। जिले के पूराकलंदर थाना क्षेत्र के पगला भारी गांव में गुरुवार सुबह हुए दर्दनाक हादसे में एक घर में हुए विस्फोट के बाद पूरी इमारत धराशाई हो गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह विस्फोट घरेलू गैस सिलेंडर फटने के कारण हुआ। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि न केवल मकान पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया, बल्कि आसपास के कई घरों की दीवारें भी हिल गईं और खिड़कियां टूट गईं। इस दुर्घटना में अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि तीन अन्य के मलबे में फंसे होने की आशंका है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासन की टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गईं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के निर्देश जारी किए हैं।
राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। बचावकर्मी भारी मलबे को हटाकर अंदर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ घायलों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और उन्हें नजदीकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों ने कुछ लोगों की स्थिति गंभीर बताई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। लोगों में दहशत फैल गई और पूरा इलाका अफरा-तफरी में आ गया। कई ग्रामीण अपने घरों से बाहर निकल आए और रेस्क्यू टीम की मदद में जुट गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके से मकान के ईंट-पत्थर दूर तक उछल गए, जिससे आस-पास खड़ी गाड़ियां और दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुईं। राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ की टीम को भी लगाया गया है ताकि मलबे में फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जा सके।
अयोध्या के सर्किल आॅफिसर देवेश चतुर्वेदी ने बताया प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि हादसे की वजह गैस सिलेंडर में विस्फोट है। उन्होंने बताया घर में खाना बनाते समय संभवत: गैस लीक हो रही थी, जिसके कारण यह विस्फोट हुआ। हालांकि, प्रशासन ने घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं, एडीजी जोन लखनऊ सुजीत पांडेय ने बताया कि शुरूआती जांच में किसी भी विस्फोटक या पटाखे के उपयोग के संकेत नहीं मिले हैं। बीडीएस (बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड) और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीमों को मौके पर बुलाया गया है, जिन्होंने मलबे से साक्ष्य एकत्र किए। ताकि धमाके की प्रकृति और वजह का सही पता लगाया जा सके। प्रशासन ने गांव को सुरक्षा की दृष्टि से घेर लिया है और प्रभावित इलाके में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।