राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। तीनों कानूनों को रद्द करने वाला बिल 29 नवंबर को संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था। राष्ट्रपति कोविंद की मंजूरी के साथ ही औपचारिक तौर पर तीनों कृषि कानून अब निरस्त हो गए हैं। कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने को लेकर एक साल से अधिक समय से किसान आंदोलित हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
#FarmLaws | Act may be called Farm Laws Repeal Act, 2021. Farmers (Empowerment&Protection) Agreement on Price Assurance&Farm Services Act, 2020, Farmers' Produce Trade&Commerce (Promotion & Facilitation) Act, 2020 & Essential Commodities (Amendment) Act, 2020 are hereby repealed. pic.twitter.com/8JHvEs34bR
— ANI (@ANI) December 1, 2021
शहीद किसानों के परिजनों को मिले मुआवजा
बता दें कि बुधवार को भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसान आंदोलन खत्म हो सकता है अगर आंदोलन के 687 शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा मिले। आंदोलन से सम्बंधित सभी मुकदमों को वापस लिया जाए और आंदोलन वापस होने के बाद ‘एमएसपी क़ानून’ बनाने पर चर्चा की लिखित गारंटी दी जाए।
पीएम ने की थी कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरु पर्व के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि एमएसपी को लेकर कमेटी गठित की जाएगी। बिल वापसी के एलान के बाद किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया लेकिन आंदोलन खत्म नहीं करने की बात कही। बता दें कि किसान संगठन इस मामले में चार दिसंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेंगे।
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