Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
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Naresh Bhagoria
22 Nov 2025
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22 Nov 2025
इंदौर - वैसे तो शहर में पत्रकार द्वारा सवाल पूछने पर नेता , अभिनेता ,अधिकारियों से नौकझोंक तो चलती रहती हैं। लेकिन इस में कोई भी अधिकारीयों ने इंदौर शहर में उनके लिए तुम्हारी ‘औकात क्या है’ यह शब्द कह करकभी नहीं बुलाया होगा। इंदौर में सोमवार को लोकायुक्त पुलिस ने आजाद नगर में पदस्थ एसआई धर्मेंद्र राजपूत को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा, लेकिन आपको जान कर यह आश्चर्य होगा कि यह रुपए एस आई ने कुछ समय पहले हुए आजाद नगर में हुए उस प्रकरण के लिए मांगे जिसमें एक एडिशनल डीसीपी ने पत्रकारों से सवाल पूछने पर उन्हे उनकी औकात दिखा दी थी।
क्या था पूरा मामला --
जुलाई माह में एक मृतक मजदूर के परिजन दोपहर आजाद नगर ठाणे पहुँच कर परिवार के सदस्य की मौत के बाद ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाते रहे , लेकिन शाम तक पुलिस के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला आरोप यह है कि जिस ठेकेदार पर हत्या का शक है, उसे पुलिस ने थाने बुलाकर 'चाय पिलाई' और सबके सामने ही छोड़ दिया! कोई पूछताछ नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं। खबरे लगातार प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने आरोपी संचालक रामचंद्र सिंह तोमर के खलिफ़ प्रकरण डढ़ किया । लेकिन कुछ दिनों बाद उसे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ली । इसके बाद सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र राजपूत ने मामले में मदद करने के नाम पर 2 लाख की मांग की। सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हुआ। पहली किस्त के रूप में जैसे ही 1 लाख थमाया गया, लोकायुक्त की टीम ने थाने में ही छापा मारकर सब इंस्पेक्टर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी की जांच में क्या हुआ ?
एडिशनल डीसीपी द्वारा पत्रकार से की गई इस बदसलूकी से पुलिस विभाग की छवि पर सवाल उठने लगे थे। वहीं मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद पुलिस कमिश्नर के अनुमोदन पर तत्कालीन डीसीपी जोन-1 विनोद कुमार मीना को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पुलिस कमिश्नर कार्यालय से जारी निर्देश अनुसार तत्कालीन डीसीपी को निष्पक्ष और तथ्यात्मक जांच कर तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना थी । पत्र क्रमांक F-42/68 1A में लिखा था , उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि हाल ही में थाना आजाद नगर में घटित अपराध के संबंध में थाने में मीडिया/आमजन पहुंचे थे और उन्होंने वहां उपस्थित अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया था। उस दौरान अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त का उनके साथ किया गया व्यवहार उचित नहीं था। लेकिन उस जांच के बाद भी अब उसी मामले में आजाद नगर का एक एसआई रिश्वत लेते सोमवार को पकड़ाया हैं।