Shivani Gupta
26 Sep 2025
अनुज मैना
भोेपाल। ‘दीया और बाती हम’ फेम दीपिका सिंह ने पीपुल्स समाचार से बातचीत में कहा मेरे हिसाब से संघर्ष हर इंसान का गहना होता है। आप जो अनुभव करते हैं, उसे किरदार में उतारना आसान होता है। अपने किरदार में मैंने जो इमोशंस डाले हैं, वे रियल लाइफ के एक्सपीरियंस से आए हैं। दीपिका भोपाल में आयोजित भोजपाल गरबा महोत्सव में भाग लेने भोपाल आर्इं दीपिका सिंह ने कहा, जब मैं थिएटर कर रही थी, तब ‘दीया और बाती हम’ के को-आॅर्डिनेटर ने संपर्क किया। करीब सवा महीने मेरा लुक टेस्ट, मॉक टेस्ट हुआ और मुझे यह भूमिका मिल गई। उन्होंने कहा, मैं ये नहीं कहूंगी कि मैं ‘संध्या’ के किरदार से खुद को रिलेट करती हूं, लेकिन मैं यह स्वीकार करती हूं कि मैंने उस किरदार से बहुत कुछ सीखा। शादी के बाद भी कोई लड़की मेहनत करती है, रोकने के बाद भी नहीं रुकती और अपने सपने पूरे करती है। इसी सोच के साथ मैंने भी मदरहुड के बाद भी काम जारी रखा।
टीवी और फिल्म दोनों में काम करने के अनुभव पर दीपिका सिंह ने कहा फिल्म जल्दी कंप्लीट होती है, जबकि सीरियल का स्टार्ट पॉइंट होता है एंड पॉइंट आॅडियंस पर निर्भर करता है। लोगों को शो पसंद आया, टीआरपी अच्छी मिली तो कहानी और बढ़ती जाती है। मुझे खुशी है कि ‘दीया और बाती हम’ और ‘मंगल लक्ष्मी’, दोनों ही सीरियल को दर्शकों ने पसंद किया।
दीपिका ने कहा मेरा कोई फ्यूचर प्लान नहीं है। बह बताती हैं, मैं कभी कोई फ्यूचर प्लान नहीं बनाती। वर्तमान में जीती हूं। कोई आॅफर आया तो उस समय मैं किस माइंड में रहूंगी, कहानी क्या होगी, रोल क्या होगा, यह उस पर निर्भर करेगा।
दीपिका सिंह ने कहा कि एमबीए इन मार्केटिंग एंड फाइनेंस की पढ़ाई का मुझे फायदा मिला है। मेरे अंदर जो कॉन्फिडेंस है, जिस तरह खुद को कैरी करती हूं, फाइनेंस हैंडल करती हूं। उसमें पढ़ाई का योगदान है।