इंदौर-आधी रात को सड़क किनारे लघुशंका करते पकड़े गए एक ड्राइवर पर थानेदार का तमाचा अब बड़ा सवाल बन गया है।कानून का डंडा किस पर चला, पुलिस पर या अपराधी पर? विजय नगर थाना प्रभारी टीआई चंद्रकांत पटेल का थप्पड़ सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया और सियासत तक पहुँच गया।17 सितंबर की रात करीब 1 बजे भूसा मंडी इलाके में पुलिस गश्त पर थी। बाहर राज्य की गाड़ी रोकने पर ड्राइवर राघवेंद्र रघुवंशी नशे में धुत मिला। पुलिस ने जाने की हिदायत दी, लेकिन उसने हुज्जत शुरू कर दी। विवाद बढ़ा तो टीआई पटेल का हाथ चला और ड्राइवर को थप्पड़ पड़ गया।थप्पड़ की गूँज यहीं नहीं थमी। राघवेंद्र ने परिचितों के कहने पर वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत भेज दी। तभी उसका वीडियो वायरल हुआ और उसमें एक मंत्री का नाम घसीटे जाने से मामला और तूल पकड़ गया।
अपराधों का लंबा कॉकटेल
पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि राघवेंद्र के खिलाफ इंदौर के परदेशीपुरा, एमआईजी और विजय नगर थानों में चार मामले दर्ज हैं। विदिशा और रायसेन जिलों में भी उसके खिलाफ अपराध दर्ज हैं। वहीं उसका भतीजा सौरभ रघुवंशी दस आपराधिक केस झेल रहा है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर उसे “बेगुनाह” दिखाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
विधायक से लेकर पार्षद सभी चख चुके हैं टीआई का थप्पड़ -
वर्तमान थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल इससे पहले ब्यावर इलाके में भी रह चुके हैं। उस समय टी आई ने बतमीजी करने पर वर्तमान विधायक को भी थप्पड़ का स्वाद चखाया दिया था। लेकिन राजनेता जी ने इस बात का जिक्र किसी से नहीं किया था। क्यों की वो स्वयं गलती में थे। कुछ समय पहले इंदौर इलाके के एक पार्षद महोदय भी टी आई ने उसी चाटे का शिकार हुए लेकिन उन्होंने शिकायत करना तो दूर बंद कमरे में अपनी गलती की माफी मांगली थी। क्योंकी उस समय टी आई सही थे और नेता जी गलत। इस प्रकरण में थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल को घटना दिनांक को क्या हुआ याद नहीं था। क्योंकी यदिआधी रात में कोई संदिग्ध दिखने पर उसे उसका परिचय करने से पहले पुलिस स्टायल में यदि उसे थप्पड़ मार दिया जाता हैं तो उसमें क्या गलत हैं।