अनुज मीणा- आज हर कोई अपने-अपने कामों में व्यस्त है और उनके पास परिवार के लिए समय ही नहीं है। इसी के चलते परिवार का दायरा छोटा होता जा रहा है। वहीं कई परिवार ऐसे भी हैं जो आज भी साथ में रहते हैं और सभी त्योहार और खुशियों को तो साथ मिलकर सेलिब्रेट करते ही हैं। दुख या परेशानी में भी साथ खड़े नजर आते हैं। इन संयुक्त परिवारों का मानना है कि परिवार साथ रहता है तो आगे बढ़ने की हिम्मत अपने आप आ जाती है। इंटरनेशनल फैमिली डे पर हम कुछ ऐसी ही फैमिली के बारे में बता रहे हैं, जिनके लिए परिवार ही सब कुछ है।
हमारी फैमिली में 20 मेंबर्स हैं। मेरे सास-ससुर सभी को साथ रहने के लिए प्रेरित करते हैं। इसी के चलते सभी का एक-दूसरे से प्यार है और सभी साथ में ही रहते हैं। कोई भी त्योहार हो या जन्मदिन, शादी या अन्य कोई फैमिली फंक्शन सभी मिलकर सेलिब्रेट करते हैं। फैमिली में सबसे बड़े मेरे ससुर श्याम बिहारी सक्सेना है, उनकी उम्र 87 वर्ष है। वहीं सबसे छोटी बच्ची लिपिका सक्सेना 15 साल है। फैमिली में सभी भाईयों में काफी प्यार है और हम देवरानी-जेठानी भी बहनों के तरह साथ मिलकर रहती हैं। - नीता सक्सेना, साहित्यकार
हमारी फैमिली में तीन जनरेशन के 18 मेंबर्स साथ रहते हैं। सभी का आपस में इतना लगाव है कि कोई भी एक-दूसरे को छोड़कर जाना नहीं चाहता है। सभी फंक्शन्स भी साथ ही सेलिब्रेट करते हैं। कई बार फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए घूमने के लिए भी साथ मिलकर ही जाते हैं। संयुक्त परिवार है तो सभी साथ मिलकर रहते हैं और घर के निर्णय भी साथ मिलकर ही लेते हैं। फैमिली में सबसे अधिक 79 वर्ष उम्र मेरी ही है और सबसे छोटा मेरा पोता लव श्रीवास्तव 3 साल का है। - पीडी श्रीवास्तव, रिटायर्ड, एमपीईबी
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