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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1.29 करोड़ रुपए की चांदी की लूट की सनसनीखेज खबर का आखिरकार पर्दाफाश हो गया। पुलिस जांच में सामने आया कि यह पूरी कहानी झूठी थी। चांदी कारोबारी राहुल गोयल ने खुद ही यह साजिश रची थी। उसने सट्टे और जुए में लाखों रुपए गंवा दिए थे, जिसके बाद कर्ज और कंपनी के बकाया से बचने के लिए उसने खुद पर लूट की झूठी वारदात दर्ज कराई। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर दी।
शनिवार (4 अक्टूबर) को कारोबारी राहुल गोयल ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके फ्लैट में दो नकाबपोश लोग घुस आए, जिन्होंने कट्टा तानकर और चाकू से हमला करके उसे बेहोश कर दिया। उसके मुताबिक, लुटेरे उसके घर से 86 किलो चांदी के जेवर, जिसकी कीमत करीब 1.29 करोड़ रुपए थी, लूटकर भाग गए।
राहुल ने पुलिस को बताया था कि लुटेरे CCTV का DVR भी साथ ले गए ताकि कोई सबूत न बचे। उसने दावा किया कि रात करीब 3 बजे दरवाजा खटखटाने पर उसने सोचा कि उसके पड़ोसी कारोबारी आए होंगे, इसलिए उसने दरवाजा खोल दिया। तभी दो नकाबपोश अंदर घुसे और वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस को जब सूचना मिली, तो सिटी कोतवाली थाना की टीम मौके पर पहुंची। जांच में किसी तरह की जबरन एंट्री, झगड़े या संघर्ष के निशान नहीं मिले। न ही पड़ोसियों ने किसी संदिग्ध को आते-जाते देखा। पुलिस ने जब आसपास के CCTV फुटेज और मोबाइल लोकेशन की जांच की, तो किसी लूटपाट के सबूत नहीं मिले। इन सबके बाद शक की सुई खुद कारोबारी की ओर घूम गई। पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की, तो राहुल ने अंततः पूरा सच उगल दिया।
आरोपी राहुल गोयल (38) मूल रूप से अलीगढ़, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह रायपुर में ‘शिवा ट्रेडर्स’ नामक फर्म चलाता है और आगरा की एक कंपनी से चांदी के जेवर उधार लेकर रायपुर में बेचता था। इसके बदले उसे प्रति किलो 500 रुपए का कमीशन मिलता था।
दिवाली के लिए उसने आगरा से 200 किलो चांदी मंगाई थी, जिसमें से 100 किलो वापस भेजी जा चुकी थी और 14 किलो की बिक्री हो चुकी थी। बाकी 86 किलो चांदी का कोई हिसाब नहीं था, जिसे छिपाने के लिए उसने लूट की फर्जी कहानी गढ़ दी।
जांच में सामने आया कि राहुल ने ऑनलाइन सट्टे और जुए में भारी रकम गंवा दी थी। इसके चलते वह कंपनी का भुगतान नहीं कर पा रहा था। ऐसे में उसने सोचा कि लूट की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर वह न तो कंपनी का पैसा लौटाएगा, न सट्टे में हुए नुकसान का हिसाब देना पड़ेगा।
पुलिस ने जब घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच करवाई, तो कहीं से भी संघर्ष या चोरी के निशान नहीं मिले। DVR गायब होने की बात भी झूठी निकली। पुलिस ने राहुल के फोन रिकॉर्ड और बैंक ट्रांजेक्शन की जांच की, जिसमें ऑनलाइन सट्टे से जुड़ी गतिविधियां मिलीं। आखिरकार जब उससे लगातार पूछताछ की गई, तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
इस घटना के बाद रायपुर के सराफा बाजार में भारी दहशत फैल गई थी। व्यापारी समाज इस बात से डरा हुआ था कि अगर इतनी बड़ी लूट शहर के बीचोंबीच हो सकती है, तो कोई सुरक्षित नहीं है।
सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने कहा था कि राहुल गोयल आगरा का निवासी है और किराए के फ्लैट में रहता है। वह यहां कई साल से चांदी के व्यापार में सक्रिय था। पुलिस के खुलासे के बाद अब सराफा कारोबारियों ने राहत की सांस ली है।
रायपुर पुलिस ने कहा कि मामले की गहन जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह कोई लूट नहीं थी, बल्कि व्यापारी ने आर्थिक नुकसान छिपाने के लिए यह झूठा नाटक रचा था। उसके खिलाफ धोखाधड़ी और झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का मामला दर्ज किया जा रहा है।