
दमोह। दमोह जिले के एक मिशनरी संस्थान द्वारा संचालित अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि अस्पताल में एक व्यक्ति ने खुद को लंदन से शिक्षा प्राप्त कार्डियोलॉजिस्ट बताकर 15 दिल के ऑपरेशन किए, जिनमें से सात लोगों की मौत हो गई। यह मामला तब सामने आया जब दीपक तिवारी नामक शख्स ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक शिकायत पत्र भेजकर आरोप लगाए कि यह सब नकली डॉक्टर द्वारा किया गया। आरोपित डॉक्टर ने खुद को खुद को लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एनजॉन केम बताया था, लेकिन जांच में यह सामने आया कि उसका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है।
मृतकों के परिजनों से मोटी फीस वसूलने का आरोप
दीपक तिवारी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि अस्पताल में जिन लोगों की मौत हुई, उनकी सूचना स्थानीय पुलिस या अस्पताल चौकी को नहीं दी गई। इसके अलावा आरोप है कि मृतकों के परिजनों से मोटी फीस वसूलकर उन्हें बिना पोस्टमार्टम के शव लौटा दिए गए। तिवारी का कहना है कि यह सभी मौतें गलत इलाज के कारण हुई हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और आरोपी डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। साथ ही, अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जाए।
नकली पहचान का हुआ पर्दाफाश
आरोपी डॉक्टर ने खुद को लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट एनजॉन केम बताया था, लेकिन जांच में यह सामने आया कि उनका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। यह व्यक्ति भारत और विदेशों में अस्पष्ट अतीत रखने वाला है। इंग्लैंड के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर जॉन केम ने एक समाचार पत्र से बात करते हुए बताया कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने उनकी पहचान का दुरुपयोग किया है।
मामले की जांच जारी
जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर ने इस मामले की शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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