Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
भोपाल। प्रदेश का वन महकमा पौधरोपण के नाम पर सरकार को हर साल करोड़ों रुपए का चूना लगा रहा है। इसकी बानगी 16 जिलों की 21 डिवीजनों में सामने आई है। इन जिलों में 12 साल के भीतर 33 लाख से अधिक पौधे रोपे गए लेकिन वन अफसर 27 लाख से अधिक पौधे बचाने में नाकामयाब रहे। यह घोटाला के सामने आने के बाद वन मुख्यालय डीएफओ को बार-बार कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है लेकिन एक भी जिले से जवाब नहीं भेजा गया। अब फिर सभी जिलों के डीएफओ को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है।
पौधरोपण के नाम पर सबसे बड़ा भ्रष्टाचार जबलपुर वृत्त के अंतर्गत सामने आया है। यहां पिछले साल में लगभग 14.12 लाख पौधे लगाए गए, इनमें 4.72 लाख पौधे पूरी तरह से मर गए या गायब हैं। आलम यह है कि कटनी अंतर्गत विजयराघवगढ़ के सिझानी ग्राम पंचायत अंतर्गत वर्ष 2012 में 30 हजार पौधे 30 हेक्टेयर में लगाए गए। इनमें एक भी पौधा जीवित नहीं बचा।
पिछले कई साल से प्रदेशभर में पौधरोपण के नाम पर खेल हो रहे हैं। लेकिन, वनरक्षक से लेकर सीसीएफ तक किसी पर भी जिम्मेदारी तय नहीं हुई है। बड़ी संख्या में पौधों के गायब होने का खुलासा वन मुख्यालय में मूल्यांकन शाखा में आई रिपोर्ट पर हुआ। पाया गया कि 20 से अधिक वन मंडल अंतर्गत हुए प्लांटेशन के बाद 20 प्रतिशत से कम ही पौधे जीवित रह पाए। वन मंडल अंतर्गत वर्ष 2011 से पौधरोपण हो रहा है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वन मुख्यालय सूत्रों के अनुसार वैसे तो एक पौधे की कीमत अलग-अलग वनमंडल में अलग होती है, परंतु औसतन 60 रुपए खर्च होते हैं। अगर इसी हिसाब से जोडा जाए तो 27.50 लाख खराब हुए पौधों की कीमत 16.50 करोड़ के करीब होती है।
जिलों में विभिन्न योजनाओं के तहत प्लांटेशन कराया गया है। इनमें मुख्य तौर पर कार्ययोजना क्रियान्वयन, पर्यावरणीय वानकी, बांस मिशन, जेएफएमसी, एफडीए (एनएपी), बुंदेलखंड पैकेज, लघु वनोपज सहकारी संघ, मनरेगा आदि।
मुरैना वन मंडल अंतर्गत कैमारा कलां में एक हेक्टेयर क्षेत्र में 50 पौधे लगाए गए, लेकिन इनमें दो पौधे ही जिंदा रह सके। ग्वालियर वन मंडल के बदोरी में एक हेक्टेयर में 500 पौधे रोपे परन्तु 494 मर गए। मुरैना में ही मवई में पांच हेक्टेयर में 5,500 पौधे लगाए इनमें वन महकमा एक पौधा ही बचा सका।
वन मंडल अंतर्गत पिछले कई सालों से कराए जा रहे प्लांटेशन का मूल्यांकन कराने पर सामने आया कि ज्यादातर स्थानों पर 20 फीसदी से भी कम पौधे बचा पाए। इसको लेकर एक माह पहले डीएफओ को नोटिस जारी करते हुए रिपोर्ट मांगी थी लेकिन अभी तक कहीं से कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। जल्द ही अगला नोटिस देंगे। -मोहनलाल मीना, एपीसीसीएफ, मॉनिटरिंग