Aakash Waghmare
22 Nov 2025
Manisha Dhanwani
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29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में लगे बम से धमाका हुआ था। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। एनआईए की विशेष अदालत के जज एके लाहोटी ने शुक्रवार को इस केस का फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट में फैसला सुनते वक्त साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और अन्य आरोपी मौजूद थे।
मामले में कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से एक समीर कुलकर्णी के खिलाफ सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। बाकी सात में से साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी को बरी कर दिया गया है।
सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। जांच एजेंसियों ने इन पर धमाके की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था।
करीब 16 साल पुराने इस केस का अब कोर्ट ने अंत किया। फैसले में कोर्ट ने कहा कि आरोप साबित नहीं हो सके, इसलिए सभी को बरी किया जाता है।