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यूक्रेन पर रूस के व्यापक युद्ध की शुरुआत के बाद रूसी सेना में HIV संक्रमण के मामलों में 2,000% की बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण बढ़ने की मुख्य वजह असुरक्षित यौन संबंध, नशे का बढ़ता इस्तेमाल और युद्ध के दौरान चिकित्सा सुविधाओं की कमी है।
कार्नेगी पोलिटिका की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के अंत तक HIV के मामले सेना में 13 गुना बढ़ चुके थे, और 2024 तक यह संख्या 20 गुना तक पहुंच गई। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस स्वास्थ्य संकट के कारण रूस को लंबे समय तक जनसंख्या और अर्थव्यवस्था से जुड़े नुकसान झेलने पड़ सकते हैं, जो शायद युद्ध से हुए नुकसान से भी ज्यादा हो सकते हैं।
संक्रमण के बढ़ने के पीछे कई कारण बताए गए हैं, जैसे युद्ध में घायल सैनिकों को दिया गया संक्रमित खून, फील्ड अस्पतालों में दोबारा इस्तेमाल की गई सुइयां और सैनिकों द्वारा बिना सुरक्षा के यौन संबंध बनाना व नशे का सेवन करना।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 के बाद से रूस नए HIV मामलों में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। इसमें दक्षिण अफ्रीका, मोजाम्बिक, नाइजीरिया और भारत भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस में HIV की स्थिति बिगड़ने के पीछे राजनीतिक कारण भी जिम्मेदार हैं। क्रेमलिन सरकार ने परंपरागत मूल्यों के नाम पर कई HIV जागरूकता संगठनों पर कार्रवाई की है। एल्टन जॉन की HIV/AIDS संस्था को अवांछित संगठन घोषित कर दिया गया क्योंकि वह अपरंपरागत यौन संबंधों को बढ़ावा देती है।