Manisha Dhanwani
7 Dec 2025
ब्रजेंद्र वर्मा, भोपाल
एक बगिया मां के नाम परियोजना भोपाल सहित प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के चेहरों पर मुस्कान बिखेर रही है। भोपाल जिले की करीब 160 ग्रामीण महिलाओं ने अपने खेतों में बगिया विकसित की है, जिनमें ड्रैगन फ्रूट, आम, अमरूद सहित अन्य फलदार पौधे लगाए हैं। पीपुल्स समाचार ऐसी ग्रामीण महिलाओं के बारे में बता रहा है, जो घर का काम कर मजदूरी करने भी जाती थीं, लेकिन अब वे स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ा रही हैं।
स्व सहायता समूह की महिलाओं को समृद्ध बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बगिया मां के नाम परियोजना 15 अगस्त 2025 में शुरू की। इसके तहत स्व-सहायता समूह की महिलाओं की आधा व एकड़ निजी जमीन पर फलोद्यान की बगिया लगा कर आत्मनिर्भर बनाना है।
एक : भोपाल जिले की ग्राम पंचायत दिल्लौद की ओमवती बाई भी इसी परियोजना से जुड़ी हैं। उन्हें अमरूद की खेती करने के लिए शासन की ओर से 2.82 लाख की आर्थिक मदद मिली है। इन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन पर 100 अमरूद के पौधे लगाए हैं। वे बताती हैं कि पहले मजदूरी के लिए बाहर जाना पड़ता था, अब हमारी बगिया ही हमारा रोजगार का साधन बनेगी।
भोपाल जनपद पंचायत की सीईओ शिवानी मिश्रा ने कहा कि एक बगिया मां के नाम परियोजना से ग्रामीण महिलाएं जुड़ रही हैं। ऐसी महिलाएं जो मजदूरी करती थीं, अब उन्होंने अपनी बगियों में फलदार पौधे लगाए हैं। फलों का उत्पादन होने से महिलाएं स्व-रोजगार से जुड़ेंगी और आर्थिक रूप से समृद्ध बनेंगी।