
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के पद्मश्री सम्मानित वैद्यराज हेमचंद मांझी को जान से मारने की धमकी मिली है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। नक्सलियों के इस धमकी का खौफ इसलिए भी हैं, क्योंकि माओवादी वैधराज हेमचंद मांझी के भतीजे को पहले ही मौत के घाट उतार चुके हैं। हेमचंद मांझी पिछले 50 वर्षों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार करते रहे हैं।
हेमचंद मांझी ने नक्सली भय के चलते अपना पद्मश्री अवार्ड सरकार को वापस लौटाने और इलाज बंद करने का फैसला ले लिया है। इतना ही नहीं बल्कि हेमचंद मांझी बीते 6 महीने से नक्सली भय के चलते अपना गांव छोड़ शहर में रह रहे हैं।
इलाके में पर्चे में फेंककर दी धमकी
नारायणपुर जिले में पद्मश्री से सम्मानित वैद्यराज हेमचंद मांझी को 26 मई की देर रात नक्सलियों ने जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। नक्सलियों ने उन्हें इलाके में पर्चे में फेंककर धमकी दी। नक्सली लंबे समय से मांझी पर घात लगाए हुए हैं। नक्सलियों ने पर्चों में लिखा है कि इलाके में संचालित खदानों के लिए हेमचंद मांझी काम करते हैं। नक्सलियो ने मौके पर कई बैनर पोस्टर भी लगाए जिसमें छोटेडोंगर के हेमचंद मांझी को आमदई खदान का दलाल बताते हुए देश से मार भगाने की बात पर्चे में लिखी है।
हेमचंद मांझी ने की पद्मश्री अवॉर्ड को लौटने की घोषणा
राष्ट्रपति के साथ पुरस्कार लेते हुए हेमचंद मांझी की तस्वीर को नक्सली पर्चा में जारी कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। इसके बाद सोमवार को हेमचंद मांझी ने पद्मश्री अवॉर्ड को लौटने की घोषणा करते हुए कहा कि जड़ी बूटियां से आप लोगों इलाज नहीं करेंगे।
नक्सलियों ने मांझी के भतीजे को भी मारा था
गौरतलब है कि नक्सलियों द्वारा हेमचंद मांझी के भतीजे कोमल मांझी को मौत घाट उतार दिया गया है। नक्सलियों द्वारा आमदई माइंस में दलाली करने का आरोप लगाकर हेमचंद मांझी को लगातार धमकी दी जा रही है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन ने उन्हे जिला मुख्यालय में सेफ हाऊस में रखा है।