Priyanshi Soni
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Priyanshi Soni
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वॉशिंगटन। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव चरम पर है। इस बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका ईरान के खिलाफ युद्ध नहीं कर रहा है, बल्कि उसका एकमात्र उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किए गए हालिया सैन्य हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई वर्षों पीछे धकेल दिया है।
एनबीसी के चर्चित कार्यक्रम ‘मीट द प्रेस’ में जेडी वेंस ने कहा कि हम ईरान के खिलाफ युद्ध में नहीं हैं। हम सिर्फ उनके परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि अमेरिका ने तीन परमाणु ठिकानों को ही निशाना बनाया है और किसी नागरिक अथवा अन्य सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया गया। वेंस ने दावा किया कि ईरान अब परमाणु हथियार विकसित करने में वर्षों पीछे चला गया है।
वेंस ने बताया कि हालिया हमलों से ठीक पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने अंतिम निर्णय लिया था। साथ ही दावा किया कि अमेरिका को तेहरान से कुछ अप्रत्यक्ष संकेत भी मिले हैं। हम ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते। हमारा मकसद सिर्फ उनका परमाणु कार्यक्रम खत्म करना है और इसके बाद हम दीर्घकालिक समाधान पर वार्ता चाहते हैं।
उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि अमेरिका की ओर से ईरान में जमीनी सैन्य अभियान चलाने का कोई इरादा नहीं है। हम सैनिक नहीं भेजेंगे। हमने सैन्य कार्रवाई इसलिए की क्योंकि ईरान ईमानदारी से बातचीत नहीं कर रहा था।
ट्रंप प्रशासन की सैन्य कार्रवाई को लेकर डेमोक्रेट सांसदों ने आलोचना करते हुए कहा कि सिर्फ अमेरिकी कांग्रेस को युद्ध की मंजूरी देने का अधिकार है। इस पर वेंस ने पलटवार किया, राष्ट्रपति ट्रंप के पास अमेरिकी हितों की रक्षा करने और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने का स्पष्ट अधिकार है।
वेंस ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा- अगर ईरान ने अमेरिका या उसके ठिकानों पर हमला किया तो उससे कहीं ज्यादा बड़ा जवाब मिलेगा। हमने हमला राष्ट्र पर नहीं, बल्कि एक खतरनाक कार्यक्रम पर किया है।

उपराष्ट्रपति वेंस ने अमेरिकी वायुसेना और सैनिकों की प्रशंसा करते हुए X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा- “बीती रात का ऑपरेशन अमेरिकी सैन्य क्षमता और रणनीतिक योजनाओं का जीवंत उदाहरण है। यह राष्ट्रपति ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम की सटीक रणनीति और गोपनीयता के बिना संभव नहीं था।”