Shivani Gupta
8 Oct 2025
उज्जैन। श्रावण-भाद्रपद मास के पावन अवसर पर सोमवार को बाबा महाकाल की छठी राजसी सवारी कड़ाबीन के उद्घोष और ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ निकली। इस दौरान आस्था का भव्य नजारा देखने को मिला। भक्तों की भीड़ उमड़ी, आसमान से फूल बरसे और पूरा शहर शिवमय हो गया।
सवारी के दौरान भगवान महाकाल रजत पालकी में विराजे। इस शोभायात्रा में छह मुखारविंद शामिल रहे। इनमें रजत पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद और सप्तधान मुखारविंद रथ पर विराजमान हुए। इस अवसर पर साधु-संतों, महाकाल मंदिर के पुजारियों और 70 से अधिक भजन मंडलियों ने भक्ति का वातावरण निर्मित किया।
सवारी आरंभ होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकाल मंदिर में विशेष पूजन-अर्चन किया। मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। सीएम ने बाबा के दरबार में मंजीरा और डमरू बजाकर भक्ति का रस घोला और कहा- बाबा महाकाल का प्रांगण आज स्वर्गलोक जैसा लग रहा है।
सवारी शाम 5:20 बजे रामघाट पहुंची। यहां प्रदेश के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने पूजन-अर्चन किया। इस दौरान हेलिकॉप्टर और 10 ड्रोन से पुष्पवर्षा कर बाबा महाकाल का स्वागत किया गया। रामघाट पर पुलिस बैंड और सशस्त्र बल के जवानों ने विशेष प्रस्तुति दी। श्रद्धालुओं ने गंगा आरती में शामिल होकर अद्भुत नजारा देखा।
महाकाल की सवारी से कुछ देर पहले ही तेज बारिश शुरू हो गई थी, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। भक्त भीगते हुए सवारी में शामिल हुए और जय महाकाल के जयकारे गूंज उठे। भजन मंडलियों ने भक्ति गीत गाए, कलाकार मंडलियों ने नृत्य प्रस्तुतियां दीं और पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
यह राजसी सवारी 7 किलोमीटर लंबे मार्ग से होते हुए रामघाट तक पहुंची और फिर मंदिर की ओर लौट गई। पूरे रास्ते श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर बाबा का स्वागत किया। हेलिकॉप्टर और ड्रोन से हुई पुष्पवृष्टि ने इस शोभायात्रा को और भी अलौकिक और भव्य बना दिया।