Manisha Dhanwani
12 Dec 2025
भोपाल। डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) सरकार ने हर क्षेत्र में कदम आगे बढ़ाते हुए भारत के नक्शे पर मप्र की नई पहचान स्थापित की है। मप्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने खुद देश दुनिया के उद्योगपतियों से वन-टू-वन संवाद किया। पहली बार प्रदेश हर अंचल में रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए रीजनल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। इसके बाद राजधानी भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30 लाख करोड़ के ज्यादा निवेश प्रस्ताव अपने आप में औद्योगिक प्रगति की गाथा कहते हैं। डॉ. यादव (Dr. Mohan Yadav) सरकार ने प्रदेश के हर अंचल को विकास की राह पर आगे ले जाने का काम किया है।
मप्र में विंध्य से पहली पीएमश्री एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गई तो रीवा में नया एयरपोर्ट भी दिया गया है। बुंदेलखंड में केन-बेतवा लिंक परियोजना को रफ्तार दी गई। ग्वालियर-चंबल में औद्योगिक विकास को ध्यान में रखते हुए उद्योग स्थापित करने की शुरुआत की गई। इसी क्रम में भिंड में एक हजार करोड़ रुपए की लागत वाली औद्योगिक इकाई का भूमिपूजन किया गया। औद्योगिक विकास में ही मंडीदीप के पास रेल कोच कारखाने का भूमिपूजन हो चुका है।
महाकौशल के जबलपुर में सबसे बड़े फ्लाईओवर की सौगात दी गई। धार में पीएम मित्रा पार्क वस्त्र उद्योग को नई ऊंचाइयां देने वाला है। मालवा-निमाड़ के 18 हजार करोड़ रुपए का रेल प्रोजेक्ट इस क्षेत्र को महाराष्ट्र से कनेक्ट करेगा। इसी तरह मध्य क्षेत्र में भी अनेक काम किए गए हैं। लाड़ल बहना योजना में बहनों को दी जाने वाली राशि 1500 रुपए प्रतिमाह कर दी गई है।
खेती की समृद्धि के लिए 32,000 करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स बना। ग्वालियर एवं चंबल में माधवराव सिंधिया सिंचाई परियोजना, नरसिंहपुर, रायसेन और होशंगाबाद में चिंकी-बोरास बैराज, नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा में शक्कर-पेंच लिंक, छिंदवाड़ा में पेंच डायवर्सन, खंडवा में खंडवा उदवहन माइक्रो सिंचाई, पन्ना में रूंझ मध्यम सिंचाई परियोजना, मझगांव मध्यम सिंचाई परियोजना पन्ना, रीवा, सतना, कटनी एवं जबलपुर में बरगी परियोजना, कटनी में बहोरीबंद माइक्रो सिंचाई परियोजना, हरदा में शहीद इलाप सिंह उदवहन माइक्रो सिंचाई, श्योपुर में चेंटीखेड़ा मुख्य सिंचाई, सतना एवं रीवा में बहुती नहर परियोजना को पूरा करने में तेजी आई है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में पांच साल में सिंचाई क्षमता एक करोड़ हेक्टेयर तक ले जाना है।
लगभग दो दशकों से लंबित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना मूर्त रूप लेगी। इसके लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। परियोजना से चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा। मालवा और चंबल अंचल में लगभग तीन लाख हेक्टेयर का सिंचाई रकबा बढ़ेगा। लागत लगभग 75,000 करोड़ रुपए है। प्रदेश के लगभग 1.5 करोड़ आबादी इस परियोजना से लाभान्वित होगी।