जबलपुरमध्य प्रदेश

ऐसे कार्य करता है पुलिस कंट्रोल रूम : शहर के 40 स्टूडेंट्स को मिला प्रशिक्षण, जानी कंट्रोल रूम की बारीकियां

पुलिस कंट्रोल रूम किस तरह कार्य करता है, कैसे पुलिस आपस में संपर्क करती है और कैसे शहर की निगरानी की जाती है ऐसी कई बातें शहर के स्कूली छात्रों को बताई गईं। दरअसल, शुक्रवार को स्टूडेंट पुलिस कैडिट (SPC) योजना के अंतर्गत 40 छात्र/छात्राओं को पुलिस कन्ट्रोल रूम जबलपुर का भ्रमण कराते हुए प्रशिक्षण व प्रमाण पत्र दिए गए।

इन स्कूलों के बच्चों को मिला मौका

स्टूडेंट पुलिस कैडिट (SPC) योजना के तहत चयनित शासकीय पंडित लज्जा शंकर झा उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ब्योहारबाग के 40 छात्र/छात्राओं को पुलिस कन्ट्रोल रूम का भ्रमण कराया गया, सभी को पुलिस कन्ट्रोलरूम में संचालित होने वाले सभी यूनिट का भ्रमण कराने के साथ वहां की कार्यप्रणाली समझाई गई।

100 डायल, वॉकी-टॉकी से लेकर सीसीटवी का प्रशिक्षण

छात्रों को बताया गया कि कैसे पुलिस की 100 डायल प्रणाली, कंट्रोल रूम कमांड सेंटर, वायरलेस/वॉक-टॉकी प्रणाली कार्य करती है। बाकायदा छात्रों को वायरलेस पर बोले जाने वाले कोड वर्ड्स भी बुलवाए गए। इसके अलावा पूरे शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों से किस प्रकार निगरानी रखी जाती है, यह भी बताया गया।

मंत्रालय के निर्देश पर दिया जा रहा प्रशिक्षण

नोडल अधिकारी अति.पुलिस अधीक्षक शहर दक्षिण /अपराध गोपाल खांडेल ने बताया कि स्टूडेंट पुलिस कैडिट (एस.पी.सी.) योजना का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा किया गया था। मंत्रालय के निर्देशानुसार मध्य प्रदेश में भी इसे लागू किया गया है। फिलहाल यह योजना केवल शासकीय स्कूल के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है। इसकी अवधि 3 वर्ष है, 3 साल में 2 बैच को प्रशिक्षित किया जाना है।

जबलपुर से इतने स्कूलों का हुआ चयन

इस योजना में जबलपुर के 15 शासकीय स्कूलों का चयन किया गया है, प्रत्येक चयनित स्कूल को 50 हजार रूपए प्रतिवर्ष दिए जाते हैं, जिसका उपयोगर प्रशिक्षण, उपकरण क्रया और आउटडोर गतिविधियों के लिए किया जाता है।

बच्चों को होगा ये फायदा

इस अवसर पर एडीशनल एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूल विद्यार्थियों में व्यक्तित्व विकास, मूल अधिकार एवं नैतिक कर्तव्यों का पालन कर कानूनी प्रावधानों के साथ नागरिकों के सम्मान की रक्षा करना है। साथ ही उन्हें सामाजिक दायित्व के लिए जिम्मेदार, अनुशासित, संस्कारिक और चरित्रवान नागरिक बनाना है। इससे स्कूलों मे विद्यार्थी एवं पुलिस के बीच सामंजस्य की शुरुआत होगी। प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।

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