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आरएसएस के ट्रेनिंग कैंप में घटती हिंदू आबादी पर भी होगा चिंतन

संघ प्रमुख भी आएंगे: वालंटियर्स को शारीरिक-बौद्धिक के साथ सम-सामयिक मुद्दों की देंगे जानकारी

भोपाल। राजधानी में चल रहे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ट्रेनिंग कैंप शिक्षा वर्ग में देश में घटती हिंदू आबादी से लेकर कई सम-सामयिक मुद्दों पर विचार मंथन होगा। शिविर में मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के करीब 400 शिक्षार्थी मौजूद रहेंगे। तीन सप्ताह तक चलने वाले इस महत्वपूर्ण वर्ग में संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत भी तीन दिन तक मौजूद रहेंगे। भोपाल प्रवास के दौरान संघ प्रमुख से सत्ता-संगठन के प्रमुख नेता भी मुलाकात करेंगे।

संघ के इस शिविर में अलग- अलग सत्रों के दौरान शिक्षार्थियों को संघ की कार्यप्रणाली और राष्ट्रवाद समझाने से लेकर शारीरिक और बौद्धिक विषयों पर नई जानकारियां दी जाएंगी। संघ सूत्रों का कहना है कि वन नेशन- वन इलेक्शन, एक देश एक कानून, सीएए के अलावा जनसंख्या असंतुलन जैसे मुद्दों पर भी शिविर में चर्चा की जाएगी।

बेहतर कार्यकर्ता तैयार करेंगे

संघ के शताब्दी वर्ष में वालंटियर्स को मुख्य रूप से अलग-अलग क्षेत्रों के सेवा कार्यों से जोड़ने की योजना है। नए पाठ्यक्रम के अनुसार अब 2024 से स्वयंसेवकों को सामान्य प्रशिक्षण के साथ उनकी रुचि के क्षेत्रों में भी विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। संघ ने अपने प्रशिक्षण वर्ग में भी कई बदलाव किए हैं। अब स्वयंसेवकों को पहले 15 दिन पूर्व की तरह प्रशिक्षण देंगे उसके बाद के 5-6 दिन उनकी रुचि के विषयों से जुड़े सेवा कार्यों के दायित्वों की जानकारी दी जाएगी। इसकी वजह बेहतर कार्यकर्ता तैयार करना है।

चार प्रांतों के 382 स्वयंसेवक ले रहे प्रशिक्षण

संघ की रचना में मध्य क्षेत्र में चार प्रांत हैं- छत्तीसगढ़, महाकौशल, मालवा और मध्यभारत। इन चारों प्रांतों से कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 में कुल 382 शिक्षार्थी आए हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ से 78, महाकौशल से 85, मालवा से 118 और मध्यभारत से 97 चयनित स्वयंसेवक शामिल हैं। वर्ग के संचालन के लिए 19 अधिकारियों की संचालन टोली है। प्रत्येक प्रांत से शिक्षक भी आए हैं। विभिन्न विषयों पर अखिल भारतीय, क्षेत्रीय एवं प्रांतीय अधिकारी भी शिक्षार्थियों को मार्गदर्शन देंगे।

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