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भारत में एक ऐसा मंदिर जहां होती है मेंढक की पूजा, रंग बदलता है शिवलिंग, जानें तंत्रवाद के लिए मशहूर मंदिर की रोचक कहानी

भारत में कई ऐसे प्राचीन मंदिर है जो दुनिया में मशहूर है। देश में स्थान-स्थान पर अलग-अलग देवी-देवताओं के कई अनोखे और चमत्कारी मंदिर हैं। आपने मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा होते देखा और सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जहां पर मेंढक की पूजा होती है? यदि नहीं तो आइए जानते हैं इसके बारे में…

लखीमपुर खीरी में बना है मेंढक मंदिर।

प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए बनवाया था मेंढक मंदिर

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में मांडूक तंत्र पर बना है मेंढक मंदिर है। जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी की दूरी पर मौजूद ओयल में है मेंढक मंदिर, जहां मेंढक की पूजा की जाती है। यह मंदिर मांडूक तंत्र पर आधारित है। इस मंदिर में शिवजी मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं। खास बात ये है कि मेंढक मंदिर में शिवलिंग रंग बदलता है। कहा जाता है कि इस मेंढक मंदिर को सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए बनवाया गया था। इस मंदिर में वास्तु, शिल्प और तंत्र साधना को मानने वालों का जमावड़ा रहता है।

मंदिर में नर्वदेश्वर महादेव का शिवलिंग दिन में कई बार प्राकृतिक रूप से अपना रंग बदलता है।

रंग बदलता है शिवलिंग

मंदिर के भीतर कई विचित्र चित्र भी लगे हुए हैं। मंदिर के सामने ही मेंढक की विशाल मूर्ति मौजूद है, जिसके पीछे भगवान शिव का पवित्र शिवालय है। यह शिवालय एक गुंबद के साथ चौकोर आकार में बना हुआ है। शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि नर्वदेश्वर महादेव का शिवलिंग दिन में कई बार प्राकृतिक रूप से अपना रंग बदलता है। कहा जाता है कि नर्मदेश्वर मंदिर का वास्तु संरचना कपिला के एक महान तांत्रिक ने बनाया था। इसके अलावा मंदिर की दीवारों पर ऐसे दवी-देवताओं की मूर्तियां लगी हैं, जिनकी पूजा तांत्रिक विधि से होती है।

मेंढक मंदिर की दीवारों पर तांत्रिक विद्याओं की प्रतिकृतियां उकेरी गई हैं।

तंत्रवाद के अनुसार बना है मंदिर

इस मंदिर की वास्तु सरंचना तंत्रवाद पर आधारित है, जिसे देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। मेंढक मंदिर की दीवारों पर तांत्रिक विद्याओं की प्रतिकृतियां उकेरी गई हैं। कहा जाता है कि इस मेंढक मंदिर को भी ओयल शासकों ने ही बनवाया था। यहां के पीठासीन भगवान शिव हैं, इसलिए इसे नर्मदेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। मेंढक मंदिर में हर रोज हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन दीपावली और महाशिवरात्रि पर यहां का नजारा अलग ही होता है( इन दिनों पर यहां भक्तों तांता लगा रहता है। मान्यता है कि मंदिर में पूजा करने वालों की सभी मनोकामना पूरी होती हैं।

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