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‘द केरल स्टोरी’ पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन! तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी, मांगा जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विवादों में घिरी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने के खिलाफ फिल्म निर्माताओं की याचिका पर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि जब यह फिल्म इसी प्रकार की सांख्यिकीय विविधता वाले दूसरे राज्यों में चल रही है तो पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चलाने में क्या दिक्कत है ?

मामले में 17 मई को होगी अगली सुनवाई

शीर्ष अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद फिलहाल कोई आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस मामले में सभी संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायसंगत निर्णय लेगी। पीठ ने कहा कि वह इस मामले की अगली सुनवाई 17 मई को करेगी। शीर्ष अदालत ने गत 10 मई को याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे की गुहार स्वीकार करते हुए याचिका पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति व्यक्त की थी।

हरीश साल्वे ने ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान इस मामले पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने पीठ के समक्ष अनुरोध करते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 8 मई को इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी। दूसरी ओर, तमिलनाडु में प्रतिबंध का खतरा मंडरा रहा है। यहां प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन हालात लगभग उसी तरीके के हैं। इससे पहले 9 मई को शीर्ष अदालत ने इसी फिल्म पर रोक लगाने पर केरल हाईकोर्ट के इनकार के खिलाफ दायर याचिका पर 15 मई को सुनवाई करने की गुहार स्वीकार की थी।

कपिल सिब्बल ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुनवाई करने पर अपनी सहमति जताई थी। सिब्बल ने इस मामले को ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान उठाते हुए तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत के समक्ष पिछले कुछ दिनों में यह मामला पांचवीं बार आया था। इससे पहले फिल्म से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सुनवाई करने से शीर्ष अदालत ने इनकार कर दिया था।

8 मई को पश्चिम बंगाल ने बैन की थी फिल्म

सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित और सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित यह फिल्म शुक्रवार पांच मई 2023 को देशभर में रिलीज की गई थी। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए 8 मई को इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद निर्माताओं ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक अन्य याचिका में केरल हाईकोर्ट के 5 मई के आदेश की वैधता पर सवाल उठाया गया था, जिसमें कहा गया कि फिल्म में इस्लाम या मुसलमानों के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।

राजनीतिक विवाद का विषय बनी पिक्चर

द केरल स्टोरी रिलीज होने से पहले ही राजनीति का विषय भी बन गई थी। बीजेपी जहां इसे आतंकवाद के नए स्वरूप से जोड़कर इससे पॉलिटिकल माइलेज हासिल करने की कोशिश कर रही है, वहीं विरोधी कांग्रेस इसे एक धर्म विशेष के खिलाफ प्रोपेगेंडा बताते हुए इसे बैन करने की मांग कर रही है। इससे पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर भी इसी तरह की राजनीति हुई थी। उस समय भी बीजेपी के नेताओं ने स्पेशल शो बुक कराकर पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम जनता को फिल्म दिखाई थी। ‘दे केरल स्टोरी’ के लिए भी आने वाले दिनों में ऐसे ही नजारे दिखाई देंगे। बीजेपी के प्रदेश मंत्री और इस पिक्चर को टैक्स फ्री करने के लिए सबसे पहले सीएम को पत्र लिखने वाले राहुल कोठारी के मुताबिक, ‘द केरल स्टोरी’ एक सच्चाई पर आधारित कहानी है और वैश्विक आतंकवाद से जूझते सभी लोगों को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। इधर, कांग्रेस के स्टेट मीडिया सेल के अध्यक्ष केके मिश्रा ने इस फिल्म के जरिए लोगों को भड़काने का आरोप लगाते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

फिल्म रिलीज होते ही विवादों में घिरी

अदा शर्मा अभिनीत इस फिल्म का लेखन और निर्देशन सुदीप्तो सेन ने किया है और यह शुक्रवार को ही रिलीज हुई है। केरल उच्च न्यायालय ने इस फिल्म की रिलीज पर पाबंदी लगाने से इंकार कर दिया था। बता दें कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ में केरल की 32 हजार महिलाओं की कहानी दिखाई गई है। फिल्म में दावा किया गया है कि इन महिलाओं का जबरन इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराया गया और उन्हें सीरिया भेजा गया। ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही फिल्म विवादों में आ गई है।

क्या है राज्य में फिल्म को टैक्स फ्री किए जाने का मतलब ?

जब किसी फिल्म को किसी राज्य में टैक्स फ्री किया जाता है तो इसका मतलब होता है कि संबंधित राज्य की सरकार उस फिल्म के टिकट की बिक्री पर अपने हिस्से का जीएसटी नहीं वसूलेगी।

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