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सभाएं-संपर्क के बावजूद 10 मंत्रियों के क्षेत्र में भी नहीं बढ़ पाई वोटिंग

कम मतदान के लिए भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ा

भोपाल। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दो चरण के मतदान हो चुके हैं। 12 सीटों पर हुए कम मतदान ने न केवल राजनीतिक दलों बल्कि सरकारी अफसरों के माथे पर भी लकीरें पैदा कर दी हैं। लोकतंत्र के पर्व में जन भागीदारी का इस तरह सिमटना चिंता की बात है। ऐसा नहीं है कि इस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। भाजपा ने हर मतदान केंद्र पर 370 वोट बढ़ाने का लक्ष्य चुनाव से काफी पहले दे दिया था।

हालांकि, प्रदेश के 10 मंत्रियों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में उनके तमाम प्रयासों के बावजूद वोटिंग प्रतिशत बढ़ नहीं पाया। उधर, कांग्रेस कम वोटिंग की वजह सरकार से नाराजगी बता रही है। वहीं, निर्वाचन आयोग ने हर जिले में कुछ न कुछ नवाचार किए। जागरुकता अभियान चलाए गए। फिलहाल हर कहीं यही चर्चा है कि आखिर मतदान प्रतिशत कम क्यों हुआ?

डिप्टी सीएम के क्षेत्र में सबसे कम पोलिंग

लोकसभा चुनाव में हर बूथ स्तर पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने संबंधी सत्तासं गठन की मुहिम सफल नहीं हो पाई। पहले-दूसरे चरण की कुल 12 सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में 9-10 फीसदी कमजोर पोलिंग रही। डिप्टी सीएम सहित 10 मंत्रियों के क्षेत्र में भी वोटर्स घर से नहीं निकले। इन क्षेत्रों में मोहन मंत्रिमंडल के 10 मंत्रियों की सक्रियता भी वोटर्स को घरों से नहीं निकाल पाई। भाजपा प्रबंधन समिति ने अब बाकी 17 सीटों पर मतदान बढ़ाने अपनी मैदानी टीम को नए सिरे से चाक-चौबंद किया है।

किसके क्षेत्र में कितनी वोटिंग

मंत्री                    क्षेत्र                 प्रतिशत
राजेंद्र शुक्ला        रीवा                49.44%
धर्मेंद्र सिंह लोधी    दमोह              56.33%
लखन पटेल          दमोह              56.33%
दिलीप अहिरवार   खजुराहो          56.91%
राकेश सिंह          जबलपुर          60.00%
प्रतिमा बागरी        सतना             61.33%
राधा सिंह             शहडोल           64.00%
प्रहलाद पटेल       होशंगाबाद        66.72%
उदय प्रताप सिंह   होशंगाबाद        66.72%
संपतिया उइके     मंडला               72.00%

वोटिंग बढ़ाने के लिए जिलों में चुनाव आयोग ने यह किया

  • शादी के जोड़े को कतार में लगने की जरूरत नहीं, जल्दी वोट का मौका
  • मतदान केंद्रों पर पानी, छांव और कतारों से बचने के लिए व्यवस्थाएं
  • मतदाताओं को बूथ पर पहुंचने पर पुष्प भेंट किया, टीका लगाया
  • मतदान केंद्रों पर बच्चों को खेलने के लिए खिलौने रखे
  • हस्ताक्षर और दस्तक अभियान चलाया गया
  • स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदान केंद्रों पर बूथ अवेयरनेस ग्रुप की बैठकें कीं

कांग्रेस समर्थक ज्यादातर वोटर्स इतने हतोत्साहित थे कि घर बैठे रहे, वहीं भाजपा समर्थक वोटर्स ने मतदान में जमकर रुचि दिखाई। खजुराहो में परिचय पत्र संबंधी व अन्य औपचारिकताओं के चलते 5 फीसदी वोट कम गिरे।-वीडी शर्मा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

पीएम नरेंद्र मोदी ग्लोबल लीडर बनना चाहते हैं। वे 400 पार का नारा दे रहे हैं। लेकिन लोग उनके साथ नहीं हैं। लोग सरकार से नाखुश हैं। महिलाओं की कम वोटिंग से पता चलता है भाजपा ने जो वादे उनसे किए वो पूरे नहीं हुए इसलिए वे नाराज हैं।-जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

आचार संहिता लागू होने के बाद से वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब हम ‘चलें बूथ की ओर’ अभियान सभी मतदान केन्द्रों पर चलाएंगे। दो चरणों के मतदान में कम वोटिंग क्यों हुई, कारण समझ में नहीं आ रहा है।-अनुपम राजन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

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