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उत्तराखंड में आग से 690 हेक्टेयर जंगल खाक, 14 लाख रु. से ज्यादा का नुकसान

बकरियों के चारे के लिए चरवाहों ने लगाई आग, पूरे प्रदेश के वनों में फैली

नैनीताल। उत्तराखंड के वनों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। राज्य में अभी तक 689.89 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुका है। शुक्रवार रात तक पूरे प्रदेश के जंगलों में आग लगने की 575 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। आग लगने से कुल 689.89 हेक्टेयर क्षेत्रफल जल कर राख हो चुका है। इससे वन विभाग को 14,41,771 रु. का नुकसान हुआ है।

वनाग्नि की सबसे अधिक 405 घटनाएं आरक्षित वन क्षेत्र में हुई हैं। आरक्षित वन क्षेत्र में 478.29 हेक्टेयर क्षेत्रफल आग की भेंट चढ़ चुका है। इसी प्रकार सिविल वन क्षेत्र में 170 घटनाएं प्रकाश में आई हैं। इसमें 211.6 हेक्टेयर वन खाक हो गया है। गढ़वाल मंडल में कल शाम तक 211 जबकि कुमाऊं मंडल में 313 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

नई घास उगाने जंगल में लगाई आग, 3 गिरफ्तार

आग लगने के मामले में मौके से पकड़े गए तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक, प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में गठित वनाग्नि सुरक्षा दल ने नरेश भट्ट को नैनीताल की जंगल में आग लगाते हुए मौके पर पकड़ा। आरोपी का कहना है कि बकरियों को नई घास उगाने के लिए जंगल में आग लगाई। इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी द्वारा अपराधी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

वायुसेना के हेलिकॉप्टर आग बुझाने में जुटे

नैनीताल के जंगलों में लगी आग के एयरफोर्स स्टेशन के करीब पहुंचने के बाद भारतीय वायु सेना ने अपना हेलिकॉप्टर आग बुझाने के प्रयासों में लगाया है। भारतीय वायु सेना ने एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टर के नैनीताल की नैनी झील से पानी लेकर आग बुझाने के प्रयास के वीडियो भी जारी किए हैं। वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हेलीकॉप्टर से आग से हो रहे नुकसान का जायजा लिया है। धामी ने कहा, नैनीताल क्षेत्र में वनाग्नि से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया।

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