Aakash Waghmare
10 Dec 2025
पीपुल्स संवाददाता, भोपाल। लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के अफसरों द्वारा शिक्षक को नियमानुसार पदोन्नति नहीं देने के मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षक के पक्ष में निर्णय सुनाया है। अब डीपीआई को पचास हजार का जुर्माना भरना ही होगा। डीपीआई आयुक्त को हाईकोर्ट की डबल बैंच से भी राहत नहीं मिली है। साथ ही शिक्षक को सभी आर्थिक लाभ देना होंगे। हालांकि अब शिक्षक राधेश्याम सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।
आगर-मालवा जिले के शिक्षक राधेश्याम रैकवार को पदोन्नति नहीं देने का मामला हाईकोर्ट इंदौर की खंडपीठ में चल रहा था। करीब 14 साल की लड़ाई के बाद इंदौर हाईकोर्ट के तत्कालीन जस्टिस विवेक रूसिया ने करीब दो साल पहले नवंबर 2023 में फैसला सुनाया। आदेश में शिक्षक राधेश्याम रैकवार को 1 अप्रैल 2009 से 14 जुलाई 2022 के बीच की एरियर की राशि देना होगी। प्रथम व द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ देना होगा। मामले में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, आयुक्त लोक शिक्षण समेत अन्य पर पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। विभाग के अफसरों ने उक्त आदेश पर अमल नहीं किया। मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने डबल बैंच में रिट अपील लगाई। जिसे डबल बैंच ने खारिज कर दिया है। दिसंबर 2025 में यह फैसला न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला व न्यायमूर्ति विनोद कुमार द्विवेदी ने सुनाया है। मामले की पैरवी वकील अरविंद शर्मा कर रहे थे।
शिक्षक को पदोन्नति नहीं देने के मामले में डीईओ आगर-मालवा आरजी शर्मा, पूर्व डीईओ अनिल कुशवाहा, लोक शिक्षण के अधिकारी सीएम उपाध्याय, अधीक्षक अशोक बैन, सहायक ग्रेड वन अनिता पंवार, असिस्टेंट ग्रेड वन संदीप इरपाचे को उत्तरदायी माना है।