Anuraj Kumar
16 Oct 2025
Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
लंदन। अक्सर माता-पिता की नींद में कमी और थकान को नकारात्मक रूप में देखा जाता है, लेकिन एक नए शोध में सामने आया है कि बच्चों की देखभाल में दिन-रात एक करने वाले माता-पिता या अभिभावकों के मानसिक बल में बड़ा इजाफा होता है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित शोध के अनुसार बच्चों की परवरिश से उम्र बढ़ने के साथ होने वाली मानसिक क्षमताओं में गिरावट को रोका जा सकता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह शोध केवल जैविक माता-पिता पर ही लागू नहीं होता, बल्कि दत्तक बच्चों या बीमार बुजुर्गों की देखभाल करने वालों पर भी समान रूप से लागू होता है। अध्ययन से यह भी स्पष्ट हुआ कि मानसिक स्वास्थ्य केवल देखभाल पर निर्भर नहीं करता, बल्कि इसमें व्यायाम, आहार, शिक्षा और सामाजिक संपर्क जैसे अन्य कारक भी अहम भूमिका निभाते हैं।
शोध में ब्रिटेन के यूके बायोबैंक के 38,000 वयस्कों के मस्तिष्क स्कैन का विश्लेषण किया गया, जिनकी आयु 40 से 70 वर्ष के बीच थी। शोध में सामने आया कि माता-पिता के मस्तिष्क के ऐसे क्षेत्र विशेष रूप से सक्रिय पाए गए, जो गति और संवेदना से जुड़े होते हैं। उनका दिमाग दूसरे लोगों की तुलना में बेहतर काम करता है।