Naresh Bhagoria
12 Nov 2025
जबलपुर। प्रदेश की सड़कों पर घूमने वाले आवारा जानवरों को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि उसने इसके लिए नियम तो बनाए हैं, लेकिन उसका कैसे पालन किया जा रहा है? चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सरकार को कहा है कि वो प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों से आंकड़े बुलाकर अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश करे। मामले पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
हाईकोर्ट ने ये निर्देश जबलपुर के सिविल लाइन्स में रहने वाली पूर्णिमा शर्मा की ओर से वर्ष 2018 में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद दिए। इस याचिका के साथ जबलपुर के ही गोकलपुर में रहने वाले ब्रजेन्द्र लक्ष्मी यादव की ओर से दायर जनहित याचिका की भी सुनवाई हो रही है। इन याचिकाओं में प्रदेश की सड़कों पर घूमने वाले आवारा जानवरों के खिलाफ कार्रवाई न होने को चुनौती दी गई है।
इन दोनों ही मामलों में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2021 को राज्य सरकार से जानना चाहा था कि प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन सहित अन्य जिला मुख्यालयों की सड़कों पर घूमने वाले आवारा जानवरों को लेकर क्या नीति है? यदि मवेशियों को जानबूझकर खुला छोड़ा जाता है तो क्या उसके मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा? बीते 14 अक्टूबर को भी हाईकोर्ट ने सरकार को ठोस जवाब पेश करने कहा था। मामले पर मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने युगलपीठ को बताया कि न्यायालय द्वारा चाही गई जानकारी को लेकर प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों से आंकड़े बुलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग रहा, लिहाजा उन्हें कुछ और समय दिया जाए। इस पर बेंच ने सुनवाई 16 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी।