Garima Vishwakarma
24 Dec 2025
Garima Vishwakarma
24 Dec 2025
Garima Vishwakarma
24 Dec 2025
Naresh Bhagoria
22 Dec 2025
धर्म डेस्क। श्रावण मास प्रारंभ होते ही पूरे देश में शिवभक्ति का माहौल बन जाता है। 2025 में सावन का पहला सोमवार आज 14 जुलाई को पड़ रहा है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक, प्राकृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी यह अत्यंत शुभ माना जाता है। सावन सोमवार पर व्रत, पूजा और रुद्राभिषेक से भक्त भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं।
शिवपुराण के अनुसार, सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है। मान्यता है कि इसी महीने माता पार्वती ने शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। इसलिए यह व्रत अविवाहित कन्याओं के लिए विशेष रूप से फलदायक माना जाता है।
सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धा से व्रत रखकर पूजा करने से-

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:15 से 05:00 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:50 तक
प्रदोष काल: शाम 07:15 से रात 08:45 तक

| राशि | उपाय | लाभ |
| मेष | शिवलिंग पर सफेद फूल अर्पित करें | स्वास्थ्य और रोजगार में सुधार |
| वृषभ | दही और जल अर्पित करें | वैवाहिक सुख और समृद्धि |
| मिथुन | बेलपत्र चढ़ाएं | संतान और करियर समस्याएं दूर |
| कर्क | गंगाजल अर्पित करें | रोग से राहत |
| सिंह | गन्ने का रस अर्पित करें | संतान प्राप्ति का योग |
| कन्या | भांग और धतूरा चढ़ाएं | मनोकामना पूर्ति |
| तुला | शिवलिंग पर इत्र अर्पित करें | विवाह और नौकरी में सफलता |
| वृश्चिक | अबीर-गुलाल अर्पित करें | समस्त कार्यों में सफलता |
| धनु | शिव-पार्वती के सामने दीपक जलाएं | परिवार में सुख-शांति |
| मकर | तिल और गंगाजल अर्पित करें | दोषों से मुक्ति |
| कुंभ | जल और बेलपत्र अर्पित करें | मानसिक शांति |
| मीन | चंदन का लेप करें | धन की कमी दूर होगी |
जल: विघ्नों का नाश
दूध: निरोगी शरीर
घी: संपन्नता
गन्ने का रस: लक्ष्मी कृपा
गंगाजल: मोक्ष प्राप्ति
सरसों का तेल: शत्रु शमन
इत्र/सुगंध: कीर्ति और यश
शक्कर/शकरा: पुष्टि में वृद्धि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सती द्वारा यज्ञ में आत्मदाह के बाद जब भगवान शिव को यह समाचार मिला, तो उन्होंने क्रोध में वीरभद्र को उत्पन्न कर यज्ञ विध्वंस करवाया और दक्ष का सिर काट दिया। बाद में दक्ष को क्षमा कर एक बकरे का सिर लगाकर पुनर्जीवित किया गया।
दक्ष ने क्षमा मांगते हुए भगवान शिव से सावन महीने में धरती पर वास करने का वचन मांगा। शिव ने यह वचन दिया कि वह सावन भर हरिद्वार के पास कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में वास करेंगे।