Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की भारी कमी है और इसी वजह से भारत ने पाकिस्तान के सामने बिना जंग लड़े आत्मसमर्पण कर दिया। राहुल ने दावा किया कि सरकार ने भारतीय वायुसेना को पूरी छूट नहीं दी, बल्कि उन्हें हाथ-पांव बांधकर जंग लड़ने भेजा।
राहुल ने कहा- ट्रम्प ने 29 बार कहा है कि हमने युद्ध रुकवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री सदन में यह बोल दें कि वह झूठ बोल रहे हैं।
राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रात 1.35 बजे भारत ने पाकिस्तान को सूचित किया कि हम सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बना रहे हैं। राहुल ने इसे आत्मसमर्पण करार देते हुए कहा कि, “आपने हमला शुरू करने से पहले ही बता दिया कि हमें लड़ाई नहीं चाहिए। इसका मतलब आपने 35 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार में इंदिरा गांधी जैसी राजनीतिक इच्छाशक्ति होती, तो आज स्थिति कुछ और होती। “आपने यह साफ कर दिया कि हमें कोई एस्केलेशन नहीं चाहिए। आपने पाकिस्तान से कहा कि हम हमला नहीं करना चाहते। यह पूरी तरह से आत्मसमर्पण है।”
राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाए जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं तो प्रधानमंत्री को संसद में खड़े होकर कहना चाहिए कि “ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री में इंदिरा गांधी की तरह 50% भी हिम्मत है, तो उन्हें ट्रंप के दावे को झूठा साबित करना चाहिए।
राहुल गांधी ने पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर और ट्रंप के बीच हुई मुलाकात को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, “भारत पर हमला करने वाले, पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बुलाया, उनके साथ लंच किया और धन्यवाद कहा। यह नया नॉर्मल बन गया है।” राहुल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सवाल किया, “आप किस ग्रह पर रह रहे हैं? ज़रा नीचे आइए और हकीकत देखिए।”
राहुल गांधी ने सरकार की सैन्य नीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सेना को पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। “टाइगर को तब तक काम नहीं करने देंगे जब तक आप उसे फ्रीडम नहीं देंगे। आपने सेना को आदेश दिया कि सैन्य ठिकानों पर हमला मत करना, यह आदेश देकर आपने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए।” राहुल ने कहा कि जब सेना का इस्तेमाल करना हो, तो उसे खुली छूट देनी चाहिए, जैसे इंदिरा गांधी ने 1971 में दी थी।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार पाकिस्तान से लड़ने के भ्रम में थी, जबकि असल जंग चीन से थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की वायुसेना को चीन की ओर से सैटेलाइट डेटा और युद्ध रणनीति की जानकारी दी जा रही थी। “पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा है और विदेश मंत्री इस पर चुप हैं। पूरी बहस में चीन का नाम तक नहीं लिया गया, यह डर का संकेत है।”
उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती पाकिस्तान और चीन को अलग रखना रही है, लेकिन मौजूदा सरकार इसमें नाकाम रही है। “भारत सरकार की विफल विदेश नीति ने पाकिस्तान और चीन को एक कर दिया है, जो आने वाले समय में देश के लिए घातक हो सकता है।”
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी सेना का इस्तेमाल अपनी छवि बचाने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना का काम देश की रक्षा करना है, न कि प्रधानमंत्री की छवि को बचाना। “आपने पूरे ऑपरेशन को सिर्फ एक इमेज बिल्डिंग का हिस्सा बना दिया। यह राष्ट्र के लिए खतरनाक है।”