Pradosh Vrat 2025 : 4 या 5 सितंबर... कब है शुक्र प्रदोष व्रत? शिव-पार्वती की कृपा पाने का अवसर, दूर होंगे दुख और पूरी होंगी इच्छाएं
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ माना गया है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद दिलाने वाला माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत से जीवन की तकलीफें दूर होती हैं और साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हर माह यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है।
सितंबर 2025 का पहला प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 सितंबर 2025, शुक्रवार को महीने का पहला प्रदोष व्रत पड़ेगा। शुक्रवार के दिन होने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
प्रदोष पूजा मुहूर्त - 06:50 पीएम से 09:09 पीएम
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - 05 सितम्बर, 2025 को 04:08 एएम बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त - 06 सितम्बर, 2025 को 03:12 एएम बजे
सितंबर 2025 का दूसरा प्रदोष व्रत
महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 29 सितंबर 2025, शुक्रवार को होगा। यह भी शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा। भक्त इस समय भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत की मान्यताएं
- प्रदोष व्रत से रोग और कष्ट दूर होते हैं।
- विधि-विधान से किया गया व्रत सुख-समृद्धि और सौभाग्य देता है।
- मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से सौ गायों के दान के बराबर पुण्यफल मिलता है।
शुक्र प्रदोष व्रत के लाभ
- जब त्रयोदशी तिथि शुक्रवार को आती है, तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं।
- इस दिन पूजा करने से शिव-पार्वती और शुक्र देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- शुक्र दोष से मुक्ति मिलती है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
- सौंदर्य, ऐश्वर्य और भौतिक सुखों में वृद्धि होती है।